अटकाव
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। ताबीज तब ही काम आते हैं जब बोलने की तमीज हो। वक्त तब ही काम आता है  जब वक्त की कदर की हो। अजीज तब ही काम आते हैं  जब उनसे तहबीज  हो। भक्ति तब ही काम आती है जब उसमें शक्ति जगाई हो। अपने तब ही काम आते हैं जब उनसे अपनापन रखा हो। इंसान तब ही काम आते हैं जब…
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शिक्षक-बाबा बनाम परीक्षा
मार्च का स्वाद ऐसा है हर दिन एग्जाम जैसा है,  कुछ बाबा भी मौके को भुना रहे हैं फेसबुक, इंस्टाग्राम पर  रंग दिखा रहे हैं। पेपरों में कैसे अच्छे नंबर लायें कई मंत्र, रीलों से बता रहे हैं। शिक्षक तंत्र पर भी  बाबाओं का मंत्र भारी है बच्चों को परीक्षा में पास कराने का सतत् यंत्र-तंत्र-मंत्र जारी है।  ब…
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सामंजस्य
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   जब आहत  ह्रदय शमशान बन जाए तो उसमें लाशे नहीं  भावनाएं राख हुआ करती है। जब विश्वासी हृदय में बिखराव आ जाए तो अपने और पराए नहीं बस मौन रहा करता है। जब वेदिती हृदय राख बन जाए है सुख और दुख नहीं  बस स्थिरता रहती है। जब खंडित हृदय अखंडित हो जाए तो उसमें …
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बदलते जज्बात
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   आजकल बदलने लगे है तेरे अल्फाज तेरे शहर के मौसम के तरह। आजकल बदलने लगा है तेरा अंदाज गिरगिट के रंग की तरह। आजकल बदलने लगा है तेरा इश्क तेरी बेफाई की तरह। आजकल बदलने लगा है तेरा व्यवहार तेरी निग़ाह की तरह । आजकल बदलने लगे है  तेरे जज्बात तेरे लफ्जों की …
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बदलियां गल्ला (पहाड़ी कविता)
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   अज्ज कल बदलना लग्गियां तेरियां गल्लां तेरे शहरे दे मौसमे सैंई। अज्ज कल बदलना लग्गा। तेरा अंदाज गिरगिटे दे रंगे सैंई। अज्ज कल बदलना लग्गा तेरा प्यार तेरे रुसदे चेहरे सैंई। अज्ज कल बदलना लग्गा तेरा व्यवहार तेरियां नजरा सैंई। अज्ज कल बदलना लग्गे तेरे जज…
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सूर्यकांत त्रिपाठी निराला चालीसा (बसंत पंचमी पर विशेष)
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। शारद सुत को नमन करुं, कीना जग परकाश। सूर अनामी गीतिका, परिमल तुलसीदास। अणिमा बेला अर्चना, चमेली अरु सरोज। गीत कुंज आराधना, सूर्यकांत की खोज।। हिन्दी कविता छंद निराला। सूर्यकांत भाषा मतवाला।।1 बंग भूमि महिषादल भाई । मेंदनपुर मंडल कहलाई।।2 पंडित राम सहाय …
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दस्तूर
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   बहता है दर्द तो लफ़्ज़ों में पिरो दो झरता है इश्क़ तो  अल्फाज़ो में बटोर लो। मिलता नहीं कोई शख्स इश्क करने को   तो ख्वाबों में किसी से इजहार कर दो। मिलता नहीं कोई अपना हाल-ऐ- दिल बतलाने को  तो परायो से थोड़ी  गुफ्तगू कर लो। करता नहीं कोई वाह बेहतरीन कार्…
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हूँ मैं
प्रीति शर्मा "असीम", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। अपने डर से बहुत -बार लड़ा हूँ मैं । जीने की हर कोशिश में बहुत -बार मरा हूं मैं। सैकड़ों बार टूट -टूट के फिर उन टुकड़ों को जोड़ कर जुड़ा हूँ मैं अपने डर से बहुत -बार लड़ा हूँ मैं । अपनों ने ही खींचे थे पाव। सैकड़ो  बार गिरकर लड़खड़ाते हुए फिर भी…
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मेरा जमाना
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   मुझे वो पगडंडियों अब दिखती नहीं जिन पर मैं चला करता था। मुझे वो आम के बाग  अब नहीं मिलते जिन्हें देख न्नहे फूल मचलते थे। मुझे वो नदियां अब नहीं मिलती जिनमें बाल- गोपाल नहाया करते थे। मुझे वो सुकून की नींद अब नहीं मिलती जो माँ की गोद में आया करती थी। …
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बेटी की विदाई में माँ का संदेश
मदन सुमित्रा सिंघल,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। दुनिया का व्यवहार बेटी कर सोलह श्रंगार बेटी तुझे पति के घर जाना पाल पोस कर बङी की तुझे प्याया अपना दुध बेटी धुपछांव से बचा बचाकर की तुझे मजबूत बेटी माया का दस्तुर बेटी, चहूं ओर मशहूर बेटी तुझे पति के घर जाना...  छम छम बजती पायल तेरी, झन झन मेरा दिल मच…
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माँ की ममता
मदन सुमित्रा सिंघल,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। फफक पङी लगी अश्रु झङी वो तार तार चिथड़ों से ढकी चंदा सा मुख, चहूं फैला दुख वो जार जार हो रस्ते खङी नवजात शिशु ले घर छोङा दर दर खाने ठोकर निकली ले व्यथित मन निज को कोसा जाउंगी कहाँ अरे मैं पगली वो द्वार द्वार पुकार रही पर टुकड़ा एक ना पाने सकी तङफ उठी …
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आया बजट भाया बजट
आशुतोष,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। आया बजट छाया बजट सबका जेब लुभाता बजट।। बजट के मध्य में आधुनिक होंगे गाँव   सोलर के उपकरणों से रौशन होगी गलियाँ गरीबों,मजदूरों, किसानो और  महिलाओ का सशक्तिकरण।। सभी क्षेत्रों में योजनाओं से होगी वृद्धि राष्ट्र की जरूर बढेगी आर्थिक समृद्धि ।। अमीरो की मुनाफाखोरी पर…
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व्यक्तित्व का डर
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। धूप में झरता हुआ आदमी  छाया में झूलस रहा है। हवा में बहता हुआ आदमी  तूफानों से डर रहा है। आग से पका हुआ आदमी  धूप में जल रहा है। अपनी बातों से  जख्मी करने वाला आदमी तलवार की नोक से डर रहा है। इश्क को हवस  समझने वाला आदमी। मोहब्बत के जख्मो से डर रहा है।…
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राम
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। राम-राम करते हो तुम रावण बनने के लायक भी नहीं। ज्ञान-ज्ञान करते हो तुम अज्ञानी बनने के लायक भी नहीं। ध्यान-ध्यान तुम करते हो तुम ज्ञान के लायक भी नहीं। स्वयं को न जाना न ही पहचाना कभी फिर भी महाज्ञानी बने फिरते हो। राम तो कण-कण में रमते है फिर भी तुम क…
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साहिब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व मनाया, रागी जत्थों ने गुरबाणी से संगत को निहाल किया
शि.वा.ब्यूरो,  देवबंद।  साहिब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। रागी जत्थों ने गुरबाणी गायन कर संगत को निहाल किया। गुरूद्वारा श्री गुरु नानक सभा में चल रहे श्री अखंड पाठ साहिब की समाप्ति के बाद कीर्तन दरबार आयोजित किया गया।  कथा वाचक पंडित पी.आर.एस. वशिष्ठ न…
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अंतरिक गुनाहगर
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। उन्होंने कहा हम बहुत अच्छे हैं हमने कहा होंगे अपनी नजर में। उन्होंने कहा हम दिलकश इश्क करते हैं हमने कहा करते होगे गैरों से। उन्होंने कहा हम सिकंदर हैं हर काम में हमने कहा होगे बस इस दुनिया के। उन्होंने कहा हम जानते हैं हर किसी को यहां हमने कहा जानते ह…
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जिंदगी और मौत
प्रीति शर्मा "असीम", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। जिंदगी  जीने की,  जितनी जद्दोंजहद करती है | मौत उतनी ही,  बेरहमी से जिंदगी को , अपनी  चोंच में धरती है | जिंदगी जीने की,  जितनी..............?  हम सोचते है....!  जिंदगी में,  हर तरफ से,  बटोरते चले जाते है | हम सोचते हैं......!  बस जिंदगी की…
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चिट्ठियों वाले दिन
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। अब कोई नहीं लिखता चिट्ठी  चिट्ठी नहीं लिखता तो, नहीं पूछता मां की बीमारी के बारे में, फसल की खराबी के बारे में, बापू के नित बढ़ते कर्ज के बारे में,  दादा के लाईइलाज मर्ज के बारे में... होली-दिवाली,  तीज त्यौहारों के शुभकामना संदेश  जो वर्षों सुरक्ष…
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डॉ भीमराव चालीसा (6 दिसंबर पुण्य तिथि पर विशेष)
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। बुद्धि विद्या अर्जित करि, बने बुद्ध अवतार। जग के हितकारी भये, कहें मसान विचार।। जय जय बाबा भीमा प्यारे। तुमने लाखों जीवन तारे।।1 भूले बिसरों को अपनाया। मानवता का पाठ पढ़ाया।।2 मालव माटी मउ इंदौरी । जाकी महिमा जग से न्यारी।।3 सन् अट्ठारह सौ इंकाणू । चौदह…
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फर्क
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   जमीन और आसमान में फर्क होता है। फर्क होता है। मोहब्बत और नफरत में फर्क होता है। अपने और पराये में फर्क होता है। जीत और हार में फर्क होता है। दिमाग और दिल में फर्क होता है। जायज और नाजायज में फर्क होता है। हकीकत और कल्पना में फर्क होता है। गुरु और शिष…
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