श्री राधा महारानी चालीसा (राधाष्टमी पर विशेष)
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। भादों शुक्ला अष्टमी,राधा का अवतार। बृषभानू घर ऊपजी, कहत है कवि विचार।। जयजगरानी जयकल्याणी। बृषभानू की सुता भवानी।।1 सुंदर रूपा नयन विशाला। शोभा देत गले  की माला।।2 शीश फूल माथे पे सोहे। मन को हरती सुंदर भोहें।।3 कर्णफूल की छवि है न्यारी। मंद हंसी लागत ह…
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शिक्षक चालीसा (शिक्षक दिवस 5 सितम्बर पर विशेष)
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। राधाकृष्णन जन्म दिन,पांच सितंबर आय। शिक्षक सारे राष्ट्र का,निर्माता कहलाय।। जयजयजयजय शिक्षक भाई। सारा जग है करत  बड़ाई।।1 तुम विश्वा अरु द्रोण कहाये। सांदिपन ने कृष्ण पढ़ाये ।।2 तुम चाणक बन राष्ट्र बनाते। चन्द्रगुप्त को राज दिलाते।।3 रविन्द्रनाथ बन कला …
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ऐयाश मुर्दो
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   ऐयाश मुर्दो सा जीवन जीते हो न हंसते हो न रोते हो। मूक जीवन की सत्ता पर गुंगे बन तुम बहरों की तरह फिरते हो। बेईमानी की परत पर सदाचार की तावीज़ पहन कर खुद को खुदा घोषित करते हो। गणतंत्र की तिरछी राह पर अपनी अधूरी मूर्त लेकर जगह- जगह तुम फिसलते  हो। तट …
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आंतरिक गुलाम
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। आजाद हुए हम गौरो से  मगर अभी नही हुए औरों से। जीत चुके हैं हम औरों से  मगर हारे हुए हैं  अभी अपने विचारों से। छोटे को बड़ा ,बड़े को छोटा समझना अभी छोड़ा नहीं। जाति-पाति के कठोर नियमों से मुख भी अभी मोड नहीं। क्षितिज से आर जीवन से पार  अभी कुछ देखा नही …
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देखो मेरी शाला सुंदर
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। बड़ौद बापचा है मनभावन। दिखता सुंदर प्रभु सा पावन।।1  हरे भरे सब पौधे दिखते । मंद पवन से खुशियां भरते।।2 सुंदर बगिया मन को भावे। मैदान खेलने बालक जावे।।3 तरह-तरह के खेल खेलते। छक्का मारे गेंद झेलते ।।4 जोशी जी कक्षा में आते। छंद सवैया दोहा गाते।।5 विष्णु…
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रणचंडी
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। उठो देश की बेटी अब कब रणचंडी बनोगी। कब तक बनकर घर की लक्ष्मी ओरों पर उपकार करोगी। कब तक दुराचारों को सह कर अबला बनोगी। दया,ममता तो रखती हो मगर अपने लिए मान- सम्मान कब रखोगी। कब तक घर की चारदिवारी में रहकर सबके कटू वचन सुनोगी। घर-घर में रहते है दरिंदे क…
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मानवता कराह रही है
मदन सुमित्रा सिंघल ,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। कहीं गर्मी से तो कहीं पानी से पृकृति कहर ढा रही है अपने पङोसी देश में मानवता कराह रही है क्या कसुर इन मासुमो का ना किसी से लेना देना खाये दो समय रोटी वो भी छीनी जा रही है मानवता कराह रही है  नारी का गहना अस्मत सरे आम लूटी जा रही है जला रहे दरिंदे दुक…
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गोस्वामी तुलसीदास (तुलसी जयंती पर विशेष)
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। सावन शुक्ला सप्तमी,संवत् चौदह जान। तुलसी हुलसी कोंख से,हिन्दी भक्ती आन।।१ बालक रामा बोलता, पिता आत्माराम। राजापुर बाँदा जिला,उत्तर का है धाम।।२ तू कहते है राम को, ल से लक्ष्मण लाल । सी मतलब मातु सिया,दास बसे हनुमान।।३ जेठ शुक्ल की त्रयोदशी,सुंदर रत्ना स…
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ताड़व
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। मृत्यु तुम क्यों  आ रही हो  यू क्यों बार-बार  मुस्कुरा रही हो? क्या प्रलय करता हुआ  जल तुमको भाँता है? क्या सड़ती हुई  लाशें तुम्हें सुकून देती है? क्या तुमको कभी  किसी ने पुकारा है? क्या तुमको कभी  किसी ने ठुकराया है? किस क्रोध में  तुम बरस रही? किस द…
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रेत सी जिंदगी
शालिनी जैन  ,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। रेत सी जिंदगी  किनारा ढूंढ़ने निकलती  कब बह जाये  कब ढह जाये  अनजान सी  सपने सजा के  कुछ बातें दिल में छुपा के  हर अहसास को बचा के  अनजान सी  रेत सी जिंदगी  किनारा ढूंढ़ने निकलती ........ मखमली सी बाते  मोती सी ख्वाइश  सपने पिरोती  डोर सी जिंदगी  कब बिखर जाये…
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तलाश
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। ढूंढने पर भी नहीं मिलते  वह लोग जो सत्य की बात  सब से किया करते हैं। ढूंढने पर भी नहीं मिलते  वह लोग जो अपने होकर  अपनापन दिखाए करते है। ढूंढने पर भी नहीं मिलते  वह लोग जो सच्ची मोहब्बत की  तलाश किया करते है। ढूंढने पर भी नहीं मिलते  वह लोग जो सब होते …
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मैथिलीशरण गुप्त चालीसा (जन्म तिथि तीन अगस्त पर विशेष)
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। राष्ट्र कवि चिर  साधना, नारी का सम्मान। शरणमैथली नमन करुं,कहत है कवि मसान।। जय जय प्यारे मैथिल भाई। रचना लिखते  देश हिताई।।1 शरण मैथिली नाम तिहारा। आपन जस गावत संसारा।।2 अगस्त त्रय छैयासी आई। हिन्दी साधक जन्में भाई।।3 शुक्ला द्वितिया सावन मासी। चिरागांव…
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देखो देखो सावन आया
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। धरती माता हरष रही है। मोटी बूंदें बरस रही है।।1 वर्षा भी अब भारी है। भूस्खलन भी जारी है।।2 नदियों में जल चढ़ रहा है। बाढ़ प्रकोप बढ़ रहा है।।3 काले बादल गरज रहे हैं। कहीं कहीं पर तरस रहे हैं।।4 चार धाम में जा रहे है। शिव के दर्शन पा रहे हैं।।5 अमरनाथ की…
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कफ़न न पायो अंग (प्रेमचंद रचित कहानी कफ़न पर आधारित)
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। किरसानों के गांव में, इक छोटा परिवार ।  मजदूरी से पेट भरे, करता नशा अपार।।1  हट्टे कट्टे आलसी, भोजन को तैयार।  मां काली का नाम ले,दारू पिये डकार ।।2  तन को चिथड़े ढाकते, दोनों थे मक्कार।  घर में बरतन बस यही, माटी के दोचार ।।13  काम काज तो करे नही, बातें…
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बजट
आशुतोष  ,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। बेरोजगारी  पर  लगाम बजट से होगा समाधान।। महिलाओ और युवाओ को प्रशिक्षण  कौशल विकास पर और अधिक जोर।। योजनाओ से होंगी स्वावलंबी आर्थिक रूप में होगी मजबूती।। मुद्रा लोन दस से बीस लाख बढेंगे कारोबारी और व्यवसाय।। बिहार की जय जय नालंदा को पर्यटन केन्द्र।। तीन एक्सप्र…
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राहु
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। राहु हूँ  नई राह दिखता हूँ। पथ पर अग्रसर कर  अपार सफलता दिलवाता हूँ। कर्म बुरे करते तो  रोग, शत्रुता और ऋण बढ़ाता हूँ। शुभ कर्मो पर धनार्जन के नये मौके दिखलाता हूँ। शुक्र, शनि, बुध मित्रों संग  मिलकर राज पाठ का अधिकारी भी बनाता हूं। 18 साल की महादशा में…
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मानव कल्याण मंच ने नगर के चार विद्यालयों के जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को पुस्तकों व कापियों का नि:शुल्क वितरण किया
गौरव सिंघल,  देवबंद।  मानव सेवा को समर्पित मानव कल्याण मंच द्वारा नर सेवा नारायण सेवा के सूत्र को अपनाकर देवबंद नगर में वर्ष भर विभिन्न सेवा कार्य जनहित में किए जा रहे हैं। मासिक सेवा कार्य की इस कड़ी में मानव कल्याण मंच द्वारा गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी देवबंंद नगर के चार विद्यालयों के जरूरतमंद…
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उडूँगा
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।    मैं अभी और ऊंचा उठूंगा  याद रखना। ये तख़्त-ओ-ताज अपने नाम करुँगा  याद रखना। जो मोहब्बत हारी थी  वो भी अपने  नाम करुँगा  याद रखना। जो चेहरे आते हैं न  दूर-दूर नज़र  उनको भी अपने  करीब करुँगा  याद रखना। बहते थे न  जो अश्क  आंखों में  उनको कोहिनूर करूंग…
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अंतिम छाया
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। बीते हुए वक्त में  बीता हुआ हर लम्हा याद आएगा। बन गई है जो जगह  आपके हृदय में  वो बीता हुआ हर कल और आज याद आएगा। मुक्त हो जाएगे  इस जहाँ से एक दिन और छुप जाएगे  आपके हृदय  की ओट में। फिर भी आपको  हर जगह हर वक़्त  हमारा साथ याद आएगा। उड़ जाऊंगा  क्षितिज प…
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