कुछ अनछुए अहसास
राजेश कुमार, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। अलख तेरा सितारों में, प्रणय की बंदिनी हो तुम मेरी हर मुस्कुराहट हो, समग्र सब जिंदगी हो तुम, तुम्हें ही सोचता हूं मैं, तुम्हें ही जीवता हूं मैं, मेरी हर प्यास को आस, मेरी तिश्नगी हो तुम तुम्हारे हाथ का मेरे हाथों से स्पर्श स्पन्दन करेगा कायनात को तब विखं…