अटकाव
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। ताबीज तब ही काम आते हैं जब बोलने की तमीज हो। वक्त तब ही काम आता है  जब वक्त की कदर की हो। अजीज तब ही काम आते हैं  जब उनसे तहबीज  हो। भक्ति तब ही काम आती है जब उसमें शक्ति जगाई हो। अपने तब ही काम आते हैं जब उनसे अपनापन रखा हो। इंसान तब ही काम आते हैं जब…
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डाँ. राजीव डोगरा की पहली किताब 'अनकहे जज्बात' प्रकाशित
शि.वा.ब्यूरो,  कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) ।  युवा कवि लेखक डाँ. राजीव डोगरा की पहली किताब 'अनकहे जज्बात' सरोजहंस प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है। किताब में हमें उनकी 50 बेहतरीन कविताएं पढ़ने को मिलेंगी। डॉ. राजीव डोगरा की कविताएं हमें अक्सर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय  स्तर पर प्रकाशित होने वाले …
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला साहित्यकारों व समाजसेवियों को सम्मानित किया
शि.वा.ब्यूरो, शिमला।  अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस-2024 के अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम, हिमाचल द्वारा साहित्यिक  लेखन, समाज सेवा और कला संस्कृति के प्रसार-प्रचार में उत्कृष्ट योगदान के लिए हिमाचल प्रदेश की महिला  साहित्यकारों और महिला समाज सेविकाओं को राज्य स्तरीय महिला साहित्यकार और समाज सेवा सम्मान से…
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अखबार
प्रीति शर्मा "असीम", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। बंद पड़ी सोच को, जब हिलाना ही नहीं है  खबर पढ़कर भी जब, आवाज़ उठाना ही नहीं है  टुकड़ा यह कागज का रद्दी नहीं,  तो और क्या है़ं कब तक खुद को  दूसरे की आग से बचाओगे नफ़रतों की चपेट में,  तुम भी तो आओगें यह बोलेगा.......!  वो बोलेगा.......?  गल…
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शिक्षक-बाबा बनाम परीक्षा
मार्च का स्वाद ऐसा है हर दिन एग्जाम जैसा है,  कुछ बाबा भी मौके को भुना रहे हैं फेसबुक, इंस्टाग्राम पर  रंग दिखा रहे हैं। पेपरों में कैसे अच्छे नंबर लायें कई मंत्र, रीलों से बता रहे हैं। शिक्षक तंत्र पर भी  बाबाओं का मंत्र भारी है बच्चों को परीक्षा में पास कराने का सतत् यंत्र-तंत्र-मंत्र जारी है।  ब…
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सामंजस्य
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   जब आहत  ह्रदय शमशान बन जाए तो उसमें लाशे नहीं  भावनाएं राख हुआ करती है। जब विश्वासी हृदय में बिखराव आ जाए तो अपने और पराए नहीं बस मौन रहा करता है। जब वेदिती हृदय राख बन जाए है सुख और दुख नहीं  बस स्थिरता रहती है। जब खंडित हृदय अखंडित हो जाए तो उसमें …
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बदलते जज्बात
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   आजकल बदलने लगे है तेरे अल्फाज तेरे शहर के मौसम के तरह। आजकल बदलने लगा है तेरा अंदाज गिरगिट के रंग की तरह। आजकल बदलने लगा है तेरा इश्क तेरी बेफाई की तरह। आजकल बदलने लगा है तेरा व्यवहार तेरी निग़ाह की तरह । आजकल बदलने लगे है  तेरे जज्बात तेरे लफ्जों की …
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बदलियां गल्ला (पहाड़ी कविता)
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   अज्ज कल बदलना लग्गियां तेरियां गल्लां तेरे शहरे दे मौसमे सैंई। अज्ज कल बदलना लग्गा। तेरा अंदाज गिरगिटे दे रंगे सैंई। अज्ज कल बदलना लग्गा तेरा प्यार तेरे रुसदे चेहरे सैंई। अज्ज कल बदलना लग्गा तेरा व्यवहार तेरियां नजरा सैंई। अज्ज कल बदलना लग्गे तेरे जज…
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सीएससी बाल विद्यालय में बसंत पर्व पर मां शारदा का पूजन किया
शि.वा.ब्यूरो,  नालागढ़ (सोलन) ।  बसंत पर्व के अवसर पर सीएससी बाल विद्यालय नालागढ़ में मां शारदा पूजन किया गया। मां शारदा की वंदना करते हुए सभी बच्चों ने मां सरस्वती से प्रार्थना  करते हुए  पूजन में बड़े उत्साह और खुशी से भाग लिया। मां सरस्वती से शिक्षा और जीवन में ज्ञान प्राप्ति हेतु प्रार्थना की। …
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दस्तूर
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   बहता है दर्द तो लफ़्ज़ों में पिरो दो झरता है इश्क़ तो  अल्फाज़ो में बटोर लो। मिलता नहीं कोई शख्स इश्क करने को   तो ख्वाबों में किसी से इजहार कर दो। मिलता नहीं कोई अपना हाल-ऐ- दिल बतलाने को  तो परायो से थोड़ी  गुफ्तगू कर लो। करता नहीं कोई वाह बेहतरीन कार्…
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हूँ मैं
प्रीति शर्मा "असीम", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। अपने डर से बहुत -बार लड़ा हूँ मैं । जीने की हर कोशिश में बहुत -बार मरा हूं मैं। सैकड़ों बार टूट -टूट के फिर उन टुकड़ों को जोड़ कर जुड़ा हूँ मैं अपने डर से बहुत -बार लड़ा हूँ मैं । अपनों ने ही खींचे थे पाव। सैकड़ो  बार गिरकर लड़खड़ाते हुए फिर भी…
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मेरा जमाना
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   मुझे वो पगडंडियों अब दिखती नहीं जिन पर मैं चला करता था। मुझे वो आम के बाग  अब नहीं मिलते जिन्हें देख न्नहे फूल मचलते थे। मुझे वो नदियां अब नहीं मिलती जिनमें बाल- गोपाल नहाया करते थे। मुझे वो सुकून की नींद अब नहीं मिलती जो माँ की गोद में आया करती थी। …
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डॉ. राजीव डोगरा को मिला साहित्य नीलकमल सम्मान
शि.वा.ब्यूरो,  कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) ।  भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर स्थापना दिवस के अवसर पर साहित्य गतिविधियों के लिए कांगड़ा हिमाचल प्रदेश के युवा कवि लेखक, वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर तथा हिंदी अध्यापक डॉ राजीव डोगरा को अंतर्राष्ट्रीय सखी साहित्य परिवार बिहार ईकाई ने "साहित्य नीलकम…
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व्यक्तित्व का डर
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। धूप में झरता हुआ आदमी  छाया में झूलस रहा है। हवा में बहता हुआ आदमी  तूफानों से डर रहा है। आग से पका हुआ आदमी  धूप में जल रहा है। अपनी बातों से  जख्मी करने वाला आदमी तलवार की नोक से डर रहा है। इश्क को हवस  समझने वाला आदमी। मोहब्बत के जख्मो से डर रहा है।…
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राम
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। राम-राम करते हो तुम रावण बनने के लायक भी नहीं। ज्ञान-ज्ञान करते हो तुम अज्ञानी बनने के लायक भी नहीं। ध्यान-ध्यान तुम करते हो तुम ज्ञान के लायक भी नहीं। स्वयं को न जाना न ही पहचाना कभी फिर भी महाज्ञानी बने फिरते हो। राम तो कण-कण में रमते है फिर भी तुम क…
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अंतरिक गुनाहगर
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। उन्होंने कहा हम बहुत अच्छे हैं हमने कहा होंगे अपनी नजर में। उन्होंने कहा हम दिलकश इश्क करते हैं हमने कहा करते होगे गैरों से। उन्होंने कहा हम सिकंदर हैं हर काम में हमने कहा होगे बस इस दुनिया के। उन्होंने कहा हम जानते हैं हर किसी को यहां हमने कहा जानते ह…
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जिंदगी और मौत
प्रीति शर्मा "असीम", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। जिंदगी  जीने की,  जितनी जद्दोंजहद करती है | मौत उतनी ही,  बेरहमी से जिंदगी को , अपनी  चोंच में धरती है | जिंदगी जीने की,  जितनी..............?  हम सोचते है....!  जिंदगी में,  हर तरफ से,  बटोरते चले जाते है | हम सोचते हैं......!  बस जिंदगी की…
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जश्न-ऐ-धमाका 2024 में डाँ.राजीव डोगरा को सम्मानित किया
शि.वा.ब्यूरो, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)।  अपना कांगड़ा के सौजन्य से आयोजित जश्न-ऐ-धमाका 2024 कार्यक्रम में युवा कवि डाँ.राजीव डोगरा को आमंत्रित किया गया तथा साथ ही उनके द्वारा साहित्य में किए जा रहे कार्यो को देखते हुए अपना कांगड़ा की टीम ने उनको सम्मान देकर सम्मानित किया। उनको यह सम्मान संस्था के अध…
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फर्क
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   जमीन और आसमान में फर्क होता है। फर्क होता है। मोहब्बत और नफरत में फर्क होता है। अपने और पराये में फर्क होता है। जीत और हार में फर्क होता है। दिमाग और दिल में फर्क होता है। जायज और नाजायज में फर्क होता है। हकीकत और कल्पना में फर्क होता है। गुरु और शिष…
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उदासियों भरा रहा 2023
अमिताभ शुक्ल,शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। युक्रेन रूस युद्ध, आग की तरह की महंगाई, स्वजनों से जुदाई और कुछ  का बिछड़ना, कोरो ना फिर आने की खबरों का बार-बार आना , राजनीति का सिर्फ आतंक मचाना । ऐसे बीत गया बहुत भारी वर्ष 23 , फुलझड़ियों की तरह आए बीच बीच में रेशमी पल , पर वो बस रहे पल, न बन सके आज और कल…
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