poem

मां जो कहती थी

हितेन्द्र शर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। मेरी माँ को गुजरे आज (चैत्र माह, शुक्ल पक्ष की द्वित…

हम मालिक अपनी मर्जी के

डॉ. शैलेश शुक्ला, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। न मैडम के, न सर जी के  हम मालिक अपनी मर्जी के।  ज्य…

हम सनातन

डॉ. शैलेश शुक्ला, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   हम सनातन, हम सनातन, युगों-युगों से इस धरा पर, बस …

राम आए हैं

डॉ. शैलेश शुक्ला,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। राम आए हैं, आए हैं, राम आए हैं, आए हैं, राम आए हैं…

महाठगबंधन

डॉ. शैलेश शुक्ला, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। कभी गरियाते हैं,  तो कभी गले लगाते हैं निज लाभ लोभ …

तेरे जीवन में सार नहीं

मदन सुमित्रा सिंघल,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। जो प्यार से लबालब नहीं जिसमें ओरों का प्यार नहीं…

घी रोटी !

सूरज सिंह राजपूत,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। मां  ! मेरे हिस्से की क्या हुई ? क्या वह सच में बह…

कुछ अनछुए अहसास

राजेश कुमार,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। अलख तेरा सितारों में,  प्रणय की बंदिनी हो तुम मेरी हर म…

मैंने हार मान ली

संजना,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। मैंने हार मान ली, पर मेरे मां बाप ने नहीं मानी  लोग जो मर्जी …

जिंदगी

तृषा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। जिंदगी में भरोसा करना है तो अपने पर करना न कि अपनो पर। दुनिया …

सदाशिव

डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। मैं कालों का काल हूँ मैं ही तो महाकाल हूँ। सत्य क…

फुर्सत

प्रीति शर्मा 'असीम', शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। फुर्सत ना मिली, कभी खुद से मुलाकात होती।…

सामना

डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। रुख पहाड़ों की तरफ किया  तो समझ आया  जन्नत इस धरा…

अटकाव

डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। ताबीज तब ही काम आते हैं जब बोलने की तमीज हो। वक्त…

सामंजस्य

डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   जब आहत  ह्रदय शमशान बन जाए तो उसमें लाशे नहीं  …

बदलते जज्बात

डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   आजकल बदलने लगे है तेरे अल्फाज तेरे शहर के मौसम …

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