कटोरी चटोरी ओर स्टोरी ( लघुकथा)

मदन सुमित्रा सिंघल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

शहर में आज विधायक स्टोरी देवी द्वारा गरीबों को मकान देने, युवाओं को ऋण देने के लिए पधारने वाली थी जनमत पार्टी क्षेत्र को जमकर फुलों से सजाया। खुबसूरत स्टोरी को देखने के महिलाओं युवाओं के साथ बड़ी संख्या मे युवतियों ने हिस्सा लिया। मीडिया को कवरेज के लिए आमंत्रित किया गया, ताकि जनमत पार्टी का प्रचार प्रसार हो सके। 

समय पर स्टोरी का अभिनंदन किया गया। बड़ी शालीनता से संक्षिप्त संबोधन मे विधायक ने सरकारी नीतियों के भावी योजना के बारे मे बताया। पत्रकार चंदन ने पूछा कि मैडम आपका नाम स्टोरी क्यों रखा गया? बिलखती स्टोरी ने कहा कि नाम के पीछे भी एक फिल्मी स्टोरी है। धुंआपुर मे चंदनमल एक अय्याश ठगी करने के साथ साथ लड़कियों का धंधा करता था। उनकी पत्नी कटोरी धर्म परायण परिवार से आयी थी, लेकिन कब तक खैर मनाती धंधे मे हिस्सेदार बनना ही पड़ा, लेकिन लाख कोशिश के बावजूद अपने आप को बचाकर रखा। कटोरी के लगातार बेटी होती, लेकिन नफरती चंदनमल मार देता, ताकि उसकी बेटी इस धंधे से बची रहे। एक बार एक बेटी हुई तो छुपा कर उसे बहुत दूर सुरक्षित स्थान पर मोटी रकम देकर कटोरी ने बचा लिया। आनन्द स्वरूप लालन पालन किया नाम रखा चटोरी, क्योंकि वो सजती संवरती खुब ऐस करती फिल्म देखती तो जमकर तरह तरह के व्यंजन खाती। चंदनमल पकङा गया तो अपनी इज्जत बचाने के लिए कटोरी पैसे लेकर संपत्ति बेचकर अपनी बेटी चटोरी को लेकर मटरगस्ती करती। धीरे-धीरे चटोरी सयानी हो गई। रुपये भी खत्म होने लगे तो कटोरी से पैसे कमाने के लिए एक शहर से दुसरे शहर घुमती धंधा करने लगी। 
एक दिन चटोरी गर्भवती हो गई लेकिन काफी मिन्नत के बाद भी लड़का शादी के लिए राजी नहीं हुआ तो मेरा जन्म हो गया। नाम रखा स्टोरी। मैंने शादी करने से मना कर दिया काफी पढाई करने के बाद राजनीति मे आ गयी। मैं दलदल मे जाने वाली लड़कियों को बचाने दलाल महिला पुरुषों को कानून के हवाले करने का बीङा उठाया है। हालांकि मेरा नाम यशुमति था लेकिन डाइरेक्टर ने स्टोरी नाम रखकर फिल्म बनाना शुरू किया है, जो शीघ्र ही बन जायेगी। बताकर नीचे उतर कर गाड़ी मे बैठ गयी। 
पत्रकार एवं साहित्यकार शिलचर, असम

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