बीजों को शोधित करके ही करें रबी की फसलों की बुवाई

गौरव सिंघल, सहारनपुर। जिला कृषि रक्षा अधिकारी शिप्रा ने कहा कि रबी की फसलों की बुवाई का समय शुरू होने के दृष्टिगत रबी की फसलों में बीजों को शोधित करके ही बुवाई करें। उन्होंने कहा कि बीज शोधन करने से बीज के ऊपर चिपका हुआ रसायन बीज पर आक्रमण करने वाली फफूंदियों को नष्ट कर देता है तथा अन्य बीज जनित रोगों का नियंत्रण कर बीज जमाव में वृद्धि करता है। 

जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने कहा कि बीज शोधन करने से बीज का बाह्य एवं आंतरिक रूप से सुरक्षात्मक कवच तैयार होता है तथा इस प्रक्रिया में बीज अंकुरण के साथ ही क्रियाशील होकर फसल उत्पादन को प्रभावित कर पोषक तत्वों की उपलब्धता बढती है। उन्होंने कहा कि बीज शोधन से गेहूँ में कण्डवा व करनाल बंट, दलहन में उक्ठा सरसों में झुलसा रोग का नियंत्रण होता है। उन्होंने कहा कि बीज शोधन के लिए 2.5 ग्राम थीरम 75 प्रतिशत अथवा 02 ग्राम कार्बनडाजिम 50 प्रतिशत से करें। उन्होंने कहा कि चना, मटर, मसूर में उक्ठा रोग के नियंत्रण के लिए 05 ग्राम द्राकोडरमा प्रति किग्रा बीज में मिलाकर बुवाई करें। भूमि शोधन के लिए 2.5 किग्रा द्राइकोडरमा को 60 किग्रा सडी गोबर की खाद में मिलाकर एक सप्ताह छाया में रखकर आखिरी जुताई के समय खेत में बिखेर कर जुताई करें। उन्होंने कहा कि दीमक वाले क्षेत्रों में 2.5 किग्रा ब्यूवैरिया बेसियाना 60 किग्रा गोबर की खाद में मिलाकर एक सप्ताह छाया में रखने के उपरान्त खेत में प्रयोग करें, जिससे दीमक का नियंत्रण हो सके। उन्होंने कहा कि यदि फसलों में कीट, रोग संबंधी कोई समस्या हो तो सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली के अन्तर्गत 9452247111 एवं 9452257111 पर एसएमएसस अथवा व्हाटसएप के माध्यम से 48 घंटे में समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते है। 

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