भीष्मा कुकरेती, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
उत्तराखंड के प्रथम स्नातक रायबहादुर केसवानंद ममगाई ( 1876 में प्रथम उत्तराखंडी स्नातक ) व उनकी पत्नी चंद्रमुखी बोस ममगाई प्रथम स्नातक एवं प्रथम गढ़वाली युवती माधुरी ममगाई ( 1922 ) के बाद अल्मोड़ा की आयरिन पंत जिनका जन्म 1905 में अल्मोड़ा के एक संभ्रांत परिवार में हुआ था, वह पाकिस्तान की प्रथम महिला फर्स्ट लेडी भी रही I पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान से लखनऊ में उन्होंने प्रेम विवाह के बाद 1945 में आयरलैंड , जिनेवा , इटली आदि अनेक स्थानों पर में पाकिस्तान की राजदूत रही I कराची विश्वविद्यालय की प्रथम महिला कुलपति भी रही I 1978 में संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान की ओर से मानवाधिकार संगठन की प्रवक्ता भी बनी I दुर्भाग्यवश केसवानंद की तरह ईसाई धर्म अपनाने के कारण आयरिन पंत को वह स्थान नहीं मिल सका जिसकी वे स्वाभाविक हकदार थी Iउत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली आयरिन पंत को बाद में बेगम राणा के नाम से पाकिस्तान में जाना गया, उन्हें मादरे वतन की उपाधि से भी नवाजा गया था I वह पाकिस्तान की प्रथम महिला राज्यपाल भी नियुक्त हुई थी I खुले विचारों के कारण वह रंगमंच से भी जुड़ी रही और उन्होंने पाकिस्तान के अंदर मानवाधिकार और विशेषकर महिलाओं की स्वतंत्रता के लिए अनेक बार संघर्ष भी कियाI इन्हीं विशेषताओं के चलते जुल्फिकार अली भुट्टो ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था I दुर्भाग्यवश 1990 में उनकी मृत्यु के बाद उनके आगे की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी थी I तारा दत्त पंत द्वारा 1887 में ईसाई धर्म अपनाने के बाद उनके पुत्र डेनियल पंत भी रंगमंच के क्षेत्र में अग्रणी व्यक्ति रहे और उनकी पुत्री आयरिन पंत ने भी रंगमंच के क्षेत्र में खूब प्रसिद्धि प्राप्त की I
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