लोक व्यवहार /नेग रिवाज


प्रीति शर्मा "असीम", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

लोक व्यवहार /नेग रिवाज,

यहां खुशियां लाते हैं ।

कई बार आमदनी के कारण, 

इंसान की हैसियत घटाते है।

 

लोक व्यवहार/ नेग रिवाज, 

समाज के सभी वर्गों में ,

रीस /चलन को बढ़ाते है।

 

जिनके पास आमदनी नहीं होती। 

वह कर्ज लेकर इसे निभाते हैं।

लोक व्यवहार /नेग रिवाज ,

यहां खुशियां लाते है।

 

कुछ लोग दिखावे में ,

इस कदर अंधे हो जाते है।

बेटी को देने के लिए ,

खरीदी हुई खुशियों से ,

बेटी के जीवन का ,

सौदा कर जाते है।

 

लोक व्यवहार/ नेग रिवाज

यहां खुशियां लाते है।

 

कुछ लोग लालच से ,

इतने भर जाते हैं ।

लोक व्यवहार/ नेग रिवाजों को, 

अपने लालच के लिए,

समाज में,

दोहरी मानसिकता भर जाते है। 

 

नालागढ़, हिमाचल प्रदेश

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