भारत रत्न सचिन चालीसा

डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

भारत के तुम रतन हो, खेलों के भगवान।

भारत की सद्भावना, कहत हैं कवि मसान।।

जय सचिन क्रिकेट के तारे।

तुम्हरे बल्ले से सब हारे।।१

अप्रैल चौबिस तिहत्तर आई।

मुंबई गली में बजी बधाई।।२

रमेश तेंदुल पिता तुम्हारे।

जो शिक्षक लेखक थे प्यारे।।३

मां रजनी ने दूध पिलाया।

अजित अंजली साथ निभाया।।४

आमरेचर के शिष्य हो प्यारे।

गुरू  कृपा से बने सितारे।।५

कामली थे सखा तुम्हारे ।

रणजी ट्राफी में सब हारे।।६

छै सौ रन का प्हाड़ बनाया।

भीम शिवा सा नाम कमाया।।७

तुम्हें देख बालर घबराते।

सारे दर्शक महिमा गाते।।८

हंसमुख रहते भोली सूरत।

लगन मेहनत धीरज मूरत।।९

सोलह बरस  उम्र थी भाई।

अभिमन्यू की याद दिलाई।।१०

पहला मैच पाक से खेला।

अकरम की गेंदों को झेला।११

बाउन्सर से नही घबराते।

समय देख सीमा पहुंचाते१२

कादिर के छक्के छुड़वाये।

तभी आप नायक कहलाये।१३

धोनी को विश्वास तुम्हारा।

राहुल का भी साथ था प्यारा।।१४

उनपचास सेंचुरी बनाये।

वनडे मेचन सब जग छाये।।१५

टेस्ट मैच के तुम अधिकारी।

शतकों की शतकें जब मारी।।१६

सन्नी  ब्रेड मेंन  जस  गाते।

कपिलदेव भी प्यार जताते।।१७

मोहाली सारे जग छाया।

पाकहि तुमने खूब हराया।।१८

गावस्कर को  पीछे छोड़ा।

सारे अभिलेखों को तोड़ा।।१९

वर्ल्ड कप भारत ने पाया।

युव धोनी का साथ निभाया।।२०

 छे विश्व कप आपहि आये।

सात रिकार्ड नये बनाये।।२१

ध्यानचंद हॉकी जग छाई।

सचिन क्रिकेटा धूम मचाई।।२२

टी ट्वन्टी में शतक जमाया।

आय पी एल मान बढ़ाया।।२३

ऑरेंज कैप आपने पाई।

मुंबई टीम को बढ़त दिलाई।।२४

पद्म विभूषण तुमने पाया।

खेल रतन भी तुमको भाया।।२५

ग्रुप कप्तान उपाधी पाई।

भारत की सेना हरषाई।।२६

भारत रत्न के तुम अधिकारी।

शतकों की शतकें जब मारी।।२७

चार सौ बासठ वनडे खेले।

सहस अठारह रन थे भेले।।२८

तीन दोहरे शतक जमाये।

भारत के नायक कहलाये।।२९

कभी-कभी गेंदे भी फेंकी।

चतुराई तुम सी नहि देखी।।३०

स्क्वायर कट आंखन छाते।

पंचिंग बैकफुट तुरत लगाते।३१

लेग ग्लांस की अकथ कहानी

क्लासिकड्राइव सबजग जानी३२

सोलह मारच बारह आया।

मीरपुर महाशतक लगाया।।३३

रन तैतीस हजार बनाये।

जग में सबसे ऊपर छाये।।३४

छन्नू आधी शतक जमाई।

किरकेटा भगवान कहाई।।३५

राष्ट्रपति ने तुम्हें बुलाया ।

राज्यसभा सांसद बनाया।।३६

पांच साल की करी कमाई।

सब संसद में दान कराई।।३७

अर्जुन जैसा बेटा पाये ।

अंडर चौदह शतक जमाये।।३८

विज्ञापन मे भी तुम नायक।

तुम्हरे गुण का हूं मैं गायक।।३९

प्लेइंग इट माइ वे छाई।

आतम कथा सचिन की आई।४०

सन् दो हजार ग्यारह में,बरस अठाइस बाद।

तेदुंलकर की टेक से,भारत कप आबाद।।

 

23, गवलीपुरा आगर, (मालवा) मध्यप्रदेश