डा. भारती गाँधी, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
प्रभु बच्चों की प्रार्थना पहले सुनते हैं। इस बात का एक उदाहरण यह भी है कि दक्षिण भारत में एक शहर है। वहाँ पर बहुत सालों से पानी नहीं बरसा था। किसी ने कहा कि यहाँ पर हम लोग प्रार्थना सभा का आयोजन करेंगे तो पानी अवश्य बरसेगा। उन लोगों ने प्रार्थना सभा का आयोजन किया तो एक बच्चा उस प्रार्थना सभा में छतरी लेकर आया। उस बच्चे को इस बात का पूरा विश्वास था कि प्रभु की प्रार्थना के बाद पानी अवश्य बरसेगा इसलिए वो प्रार्थना सभा में छाता साथ में लेकर आया था। आपको जानकर खुशी होगी कि उस प्रार्थना सभा के बाद वहां पर पानी बरसा। इसलिए हमें शु( हृदय से परमात्मा की प्रार्थना करनी चाहिए। प्रभु जानते हंै कि हमारे लिए क्या हितकारी है और हमें यह प्रभु के ऊपर छोड़ देना चाहिए कि वे जो उचित समझे वो हमारे लिए करें। वे ही हमारा हित हमसे भी ज्यादा समझते हैं।
एक माता थी जो बाम्बे में रहती थी। वे बहुत चिन्ता करती थी। उनके पति की मृत्यु हो चुकी थी। उनकी तीन बेटियां थी। वे इस चिन्ता में इतनी ज्यादा परेशान रहती थी कि उनकी बेटियों की पढ़ाई-लिखाई कैसे होगी? कैसे उनकी शादी वगैरह होगी? इसी चिन्ता में उनकी भी मृत्यु हो गई। भगवान ने तो पहले से ही योजना बना रखी थी। उन लड़कियों के चाचा लंदन में रहते थे। वे वहां से आये और अपने साथ तीनों लड़कियों को लंदन ले गये। लंदन में ही उन्होंने तीनों लड़कियों को पढ़ाया-लिखाया और फिर उन सभी की शादी कर दी। इस प्रकार परमात्मा हमारे बारे में चिंता करते हुए हमारे लिए वही करता है जो हमारे लिए हितकारी होता है।
प्रार्थना का जवाब यह जरूरी नहीं है कि जो हम मांगें वह हमें मिल जाये। एक बार अमेरिका में बच्चों ने एक क्लब बनाया। इस क्लब की हर संडे को मीटिंग हुआ करती थी। एक बार मीटिंग में सभी बच्चों ने एक बच्चे से कहा कि तुम भगवान के बहुत बड़े भक्त हो। तो तुम परमात्मा से प्रार्थना करो कि हम लोगों को एक खच्चर मिल जाये, जिस पर बैठकर हम लोग खूब आनंद लेगें। उन लोगों ने बच्चे से कहा कि तुम कहते हो कि प्रार्थना से सब मिल जाता है तो जाओं तुम प्रार्थना करो कि हम लोगों को एक खच्चर मिल जाये। उस बच्चे ने घर जाकर परमात्मा से खच्चर मिलने की प्रार्थना की। बच्चे की उस प्रार्थना का कोई जवाब नहीं आया। अगले संडे को जब मीटिंग हुई तो सभी बच्चों ने उससे पूछा कि परमात्मा का जवाब आया? तो उसने बताया कि अभी तक तो नहीं आया। सभी बच्चों ने कहा कि परमात्मा का कोई जवाब नहीं आयेगा, यह ऐसे ही बोलता रहता है। उस बच्चे ने कहा कि नहीं भगवान हर प्रार्थना का जवाब देते हैं।
संस्थापक-प्रबन्धक, सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ