गर्माहाट
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। बहुत अच्छा लगता है न  तुमको जीवों को  पका कर स्वाद से खाना। प्रकृति भी तो  पका रही हैं  अब तुमको  सूर्य की तप्त किरणों में। उसको भी तो  थोड़ा स्वाद आना चाहिए  तुम क़ो रुलाने में। बहुत अच्छा लगता है न  तुमको चुपचाप  अग्नि को सुलगा कर  वनों को  जलता हुआ द…
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बिरसा मुंडा चालीसा ( पुण्य तिथि पर विशेष)
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। बिरसा मुंडा धन्य हैं, वनवासी कल्याण। वीर दिवाने देश के,जग करता गुणगान।। बिरसा मुंडा एक दिवाना। भारत को जिसने पहिचाना।।1 वन का बेटा संतो जैसा। पर उपकारी पेड़ों जैसा।।2 स्वावलंबी धीरज धारी। जंगल का था बड़ा खिलाड़ी।।3 पंद्रह नवंबर मास निराला। सन अट्ठारह पच…
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सत्यनारायण चालीसा
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। सतनारायण की कथा,व्रत पूजन गुणगान। इस्कंद रेवा खंड में,कहत हैं कवि मसान।। सतनारायण जयजय स्वामी। सुखदाता तुम जग कल्याणी।।1 मृत्यु लोक नारद मुनि आये। सारे मानव दुखिया पाये।।2 फिर विष्णु को हाल सुनाया। तब प्रभु नारद भेद बताया।।3 पांच पाठ की कथा पुरानी। सूत …
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पर्यायवाची शब्द चालीसा
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। कृष्ण कंहैया श्याम हरि, मोहन बृज गोपाल। दीनबंधु राधारमण, दुखहारक नंदलाल।। पर्यायवाची में लखो,बहु शब्दों का ज्ञान । भाषा की कर साधना ,कहत हैं कवि मसान।। सरस्वती भारति मां शारद। ब्रह्मासुत ज्ञानी मुनि नारद।।१ पवनतनय कपिपति हनुमाना। राघव  रघुवर  राजा रामा।…
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बदलाव
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। बरसती बारिश की तरह बरस मत जाना। रंगो के साथ खेलते हुए मोहब्बत के रंग रंग मत जाना। जिस्म की चाहत में रूह से मोहब्बत कर न बैठना। दिल्लगी करते-करते कही दिलदार बन न बैठना। आबाद करते हुए लोगो को इश्क़ में खुद महोब्बत में बर्बाद न हो जाना। युवा कवि व लेखक गां…
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नल-दमयंती चालीसा
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। युधिष्ठिर के दुख देख के,वृहदश मुनि समझाय। नल दमयंती कथा कहि,सुन पांडव हरषाय।। वीर सेन थे निषद नरेशा। सुंदर पूत भये नल एका।।1 वीर उदार पराक्रम भारी। एक बुराई कभी जुआरी।।2 एक दिना की सुनो कहानी। उपवन में नल घूमन आनी।।3 सुंदर जोड़ा हंसन देखा। चितवन चंचल रू…
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श्री शनिदेव चालीसा (शनि जयंती पर विशेष)
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। तिरवेणी उज्जैन में,शिपराजी के घाट। ढैया साढे सात है, कीजे शनि का पाठ।। जय जय देवा शनि महराजा। पूरण करते सबके काजा।।1 अग्नि पुराणा करे बड़ाई। देव तुम्हारी महिमा गाई।।2 पिंगल रोद्रा मंद शनैश्वर । सोरि छायासुत परमैश्वर।।3 चार भुजा अरु श्याम शरीरा। संतन रक्…
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बरसों न बादल
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। घनघोर बादल  कहां हो? मानव दानव के लिए न सही पर इस धारा के लिए सही  सब की प्यास  बुझा दो। तप्त ऊष्मा से मुझरा रही जो  प्रकृति रूपसी  उसको जरा अपने सीतल स्पर्श से  सहला दो। जीव जंतुओं के  सुख रहे जो कंठ सूर्य की तप्त किरणों से  उनको जरा  अपने नभ के  शीतल…
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मोबाइल है मेरा नाम
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। मोबाइल है मेरा नाम। आता हूं मैं सबके काम।।1 मार्टिन कूपर मुझे बनाया। सन तिहत्तर जग में आया।।2 की पेड मैं बनकर छाया। फिर आगे सेलो कहलाया।।3 थ्री फोर फाइव जी आया। रेम इस्टोर सभी बढ़ाया।।4 एपल आईफोन बनकर। धनिकों ने मुझे खिलाया।।5  समय समय पर टार्च जलाता। अ…
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हम नलखेड़ा के रहनेवाले (गौरव दिवस पर विशेष)
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   सीधे सच्चे भोले भाले। बगलामुखी के भक्त निराले।। मालव माटी  खेलन हारे। देश धर्म को सदा विचारें।। संस्कृति  संस्कार वाले। हम नलखेड़ा के रहनेवाले।।1 अतिथियों के सत्कार वाले। संत महात्मा भक्तों वाले।। अच्छे स्वास्थ्य सेहत वाले। लोग मैया के मतवाले।। दाल बा…
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गुरु प्यारा
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   न देखा मैं सृजनहारा  न देखा मैं पालनहारा  मैं देखा अपना गुरु बलिहारा  जिन भव पार  मुझ उतारा। न देखा मैं राम प्यारा  न देखा मैं कृष्ण न्यारा  मैं देखा अपना गुरु प्यार जिन दर्श दिखाया  प्रभ तेरा हर रूप न्यारा। न देखी मैं काली मैया  न देखी मैं दुर्गा मै…
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अजीब दास्तां
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। अंदर ही अंदर लोग  कफ़न ओढ़ रहे है मोहब्बत के नाम पर  दफन हो रहे है। देखते नहीं सुनते नहीं  समझते भी नहीं बस मोहब्बत के नाम पर  गम ढो रहे है। अपनों का परायों का  यहां कोई भेद नहीं अपने मतलब के लिए  बस छल कर रहे है। जीत का हार का किसी को कोई मतलब नहीं  बस …
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आस्तीन के सांप
डाँ.  राजीव डोगरा,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   आस्तीन के सांप बन न डसा करो  अपने हो तो अपने बन ही रहा करो। किसी वन के विषधर की तरह दांतों में विष छुपा न रखा करो  जैसे हो वैसे ही बन रहा करो। सभ्यता का मोल नहीं मिलेगा  तुम्हें असभ्यता ढोकर कर कभी। होना है सभ्य तो सभ्यता ओढ़  तुम ज़रा सा चला करो। धोन…
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वोट डालने जाओ भाई
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   वोट डालने जाओ भाई। अपना करम निभाओ भाई।।1 मत देना अधिकार हमारा। इससे बनती है सरकारा।।2 प्रजातंत्र के हो रखवाले। मतदान तो सही कराले।।3 तेरह मई को फ़र्ज़ निभाओ। काम छोड़कर बटन दबाओ।।4 जात पात को ध्यान न देना। सेवाभावी को मत देना।।5 बीएलओ से पर्ची लाओ। एक…
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नर्सिंग की सेवा को जानो (नर्स दिवस पर विशेष)
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।   नर्स नर्स कह सभी बुलाते। परिचारिक बन तुम आ जाते।।1 सिस्टर सिस्टर भाई भाई। जग की सेवा लक्ष्य बनाई।।2 कोई दीदी सिस्टर कहते। मेल नर्स को भैया कहते।।3 नर्सिंग सेवा जग सुखदाई। रोगी के हो तुम ही भाई।।4 पीड़ाहारी तुम सुख दाता। सेवा करते भाग्य विधाता।।5 डॉक्ट…
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