आस्तीन के सांप
डाँ. राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। आस्तीन के सांप बन न डसा करो अपने हो तो अपने बन ही रहा करो। किसी वन के विषधर की तरह दांतों में विष छुपा न रखा करो जैसे हो वैसे ही बन रहा करो। सभ्यता का मोल नहीं मिलेगा तुम्हें असभ्यता ढोकर कर कभी। होना है सभ्य तो सभ्यता ओढ़ तुम ज़रा सा चला करो। धोन…