मुंडेर से वो परिंदा उडा दिया मैंने (शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र के वर्ष 12, अंक संख्या-30, 21 फरवरी 2016 में प्रकाशित लेख का पुनः प्रकाशन)
अभिषेक गोयल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। मिलना था इत्तेफाक, बिछड़ना नसीब था, वो उतना ही दूर हो गया जितना करीब था। मैं उसको देखने को तरसती ही रह गई, जिस शख्स की हथेली में मेरा नसीब था। बस्ती के सारे लोग ही आतिश परस्त थे, घर जल रहा था जब की समंदर करीब था। दफना दिया गया मुझे चांदी की कब्र में, मैं जिसको…