गरीबों को शिक्षा देने के लिए छोड़ी कलेक्टर की नौकरी, अब चुकाने होंगे 10 लाख रुपए (शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र के वर्ष 12, अंक संख्या-30, 21 फरवरी 2016 में प्रकाशित लेख का पुनः प्रकाशन)


शि.वा.ब्यूरो, जबलपुर। गरीबों को मुफ्त एजुकेशन देने के लिए जबलपुर के सह-कलेक्टर के पद से इस्तीफा देने वाले 2014 बैच के रोमन सैनी को प्रशिक्षण के दौरान नौकरी छोड़ने पर एमपी सरकार को करीब 10 लाख रुपए चुकाने होंगे।
प्रशासन विभाग ने प्रशिक्षण के दौरान रोमन सैनी पर करीब छह लाख रुपए खर्च किए थे। जबलपुर में सह-कलेक्टर के पद पर पदस्थापना के दौरान वेतन, आवास और गाड़ी सहित अन्य सुविधाओं पर भी विभाग ने काफी राशि खर्च की थी। विभाग ने सभी खर्च मिलाकर कुल 10 लाख रुपए की राशि का हिसाब निकाला है, जिसे वसूलने के लिए जल्द ही रोमन को नोटिस भेजा जाएगा, इसके लिए प्रशासन विभाग को केंद्र सरकार से भी पत्र प्राप्त हो गया है। प्रशिक्षण के दौरान यदि कोई अधिकारी नौकरी छोड़ता है तो प्रशासन के जरिए उस पर खर्च की गई पूरी राशि उसे वापस लौटानी पड़ती है। जबलपुर के सह-कलेक्टर रोमन सैनी ने समाज के गरीब तबके के बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए अपने आईएएस के पद को छोड़ दिया है।
आईएएस बनने के बाद से ही रोमन सिविल सर्विस के उम्मीदवारों को अपने यूट्यूब चैनल अनअकैडमी से  मुफ्त आॅनलाइन कोचिंग दे रहे हैं ताकि कोई भी अपनी प्रतिभा को साबित करने में पीछे न रह जाए। इसी पर और ध्यान देेने के लिए उन्होंने आईएएस के पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया।
रोमन का कहना है कि वो आईएएस की नौकरी करते हुए बच्चों को पढ़ाने का काम पूरा नही कर पा रहे थे और उनकी अकेडमी को देखने वालों की तादाद भी लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में उन्होंने जबलपुर में ज्यादा दिनों तक काम नहीं किया और लंबी छुट्टी पर चले गए, लेकिन हमेशा छुट्टी पर रहना संभव नहीं है इसलिए उनके पास इस्तीफा ही इकलौता रास्ता था।


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