धन्य विवेक जी दुबे
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
धन्य विवेक जी दुबे, शाजापुर विश्वास।
दीपक से जलते रहो,एक तुम्हीं से आश।।१
शिक्षक जन से राष्ट्रपति,सबका आशीर्वाद।
धन धन गुरुवर आपके, नवाचार निर्बाध।।२
जिलाधीस की सीट पर, करते नये  प्रयोग।
शिक्षा के हर क्षेत्र में,करें सदा सहयोग।।३
डाइट की दीवार पे, चित्रों के उपहार।
बहु उपयोगी पाठ हैं,सुंदर से नवचार।।४
फेसबुक के मंच पे,सब का मिलता प्यार।
धन्यवाद है आपका, शिक्षा का विस्तार।।५
मार्गदर्शन मिल रहा,करता हूं स्वीकार।
शिक्षा मंदिर में सदा,होगी जय जयकार।।६
मानवता के क्षेत्र में, बहुत किया उपकार।
भरड़ गांव में आपका,कुशल रहा व्यवहार।।७
राज्यपाल ने आपको, बहुत दिया सम्मान।
मेहनत सेवा साधना,भारत का उत्थान।।८
भौतिक शिक्षा पायके,किया राम का गान।
हिन्दी को अपनायके,राखा संस्कृत मान।।९
संघ शिक्षक भी रहे, करते भगवा गान।
स्वाभिमान जीवन जिये, शिक्षा का सम्मान।।१०
माता के हो लाड़ले, पत्नी के उपहार।
बेटा को दीनी दिशा, ऐसा है परिवार।।११
कोटि-कोटि बधाइयां,सुखमय हो संसार।
सरस्वती की साधना,जीवन का आधार।।१२
विकास खंड शिक्षा अधिकारी, बडोद (आगर) मालवा मध्यप्रदेश
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