चाय चाय चाय
डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। 
चाय नशा है पीलो चाय।
चाय अमृत जीलो चाय।।1
उड़ती सुस्ती फुर्ती आय।
काका जी को लगती चाय।।2
नये संबंध बनाती चाय।
 रोज थकान मिटाती चाय।।3
सबके मन को भाती चाय।
सुबह शाम दिन में चाय।।4
रुकते काम बनाती चाय।
चाय चाय सब चिल्लाय।।5
बाबू जी भी होटल जाय। 
धीरे से कानों में बतराय।।6
फ़ाइल का सब हाल सुनाय।
तुलसी लौंग वाली चाय।।7
वेटर कहता पीलो चाय।
सबके होंश जगाती चाय।8 
जगते उठते चाय चाय।
बच्चे बूढ़े सब चिल्लाय।।9
अब तो हमको देदो चाय।
दादी-नानी मांगे चाय।10
दादाजी पहले पी जाय। 
शौचालय से पहले चाय।।11
चाय-चाय जग चिल्लाय। 
मै भी रोज बनाता चाय।।12
अदरक कूटा डाली चाय। 
शकर दूध सही मिलाय।।13
कड़क उकाले वाली चाय। 
पत्नी पीके खुश हो जाय।14
रेलों में भी मिलती चाय। 
घोल पाउडर तुरत पिलाय।15
दार्जिलिंग में होती चाय। 
ऊंचे दाने वाली चाय।।16
मोटर में भी पीते चाय।
गुमटी में भी बिकती चाय।।17
फूंक फूंक कर पीना चाय।
सब जग का है जीना चाय।।18
जापानी भी पीते चाय।।
चीन अमरीका मांगे चाय।।19
मेरी कविता में है चाय।
धीरे-धीरे मन में गाय।।20
दरबार कोठी 23, गवलीपुरा आगर, (मालवा) मध्यप्रदेश

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