शि.वा.ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के चियोग के साथ लगते छोटे से गांव से संबंध रखने वाले डॉ. सतीश शर्मा ने हाल ही में हुई नेट जेआरएफ परीक्षा में अपना लोहा मनवाते हुए फिलोसिफी विषय में जेआरएफ परीक्षा उत्तीर्ण की है।इस से पूर्व भी वर्ष 2014 में संस्कृत कोड 25 से सतीश यह परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके है।
यह दूसरा मौका है जब किसी भिन्न विषय में सतीश ने यह परीक्षा उत्तीर्ण की हो। इतना ही नहीं, सतीश जेआरएफ परीक्षा के साथ साथ आठ बार नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं और राजकीय पात्रता परीक्षा में हिमाचल में दो बार स्टेट टॉपर भी रह चुके हैं। डॉ सतीश संस्कृत विषय में एम. ए. और एम. फिल. में पूरे प्रदेश भर में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर तीन स्वर्ण पदक धर्म गुरु दलायलामा, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्यन्यायधीश तथा उपकुलपति आचार्य अरुण दिवाकरनाथ वाजपेई से प्राप्त कर चुके हैं।
संस्कृत विषय में डॉक्टरेट करने के बाद अब उन्होंने फिलोसेफी विषय में पहले ही प्रयास में जेआरएफ उत्तीर्ण करने का कीर्तिमान स्थापित किया है। सतीश के नाम व्याकरण विषयों में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त करने का रिकॉर्ड भी है। सतीश उत्तराखंड में ग्लोबल अचीवर अवॉर्ड 2021 में प्राप्त कर चुके हैं। डॉ. सतीश शर्मा का एक काव्य संग्रह दरख़्त की छांव में भी प्रकाशित हो चुका है।वर्तमान समय में डॉ सतीश हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग में बतौर शास्त्री पद पर नियुक्त है। इनके पिता कृषक और माता गृहिणी है। सतीश ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने गुरुओं और माता पिता को दिया है।