देशद्रोही जो भी होगा

डॉ. अ. कीर्तिवर्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।  
देशद्रोही जो भी होगा, 
बस वह मारा जायेगा,
अलगाववाद की बात, 
दोजख भेजा जायेगा।
भारत में रहकर जो 
चीन पाक की बात करे,
आतंक के हमदर्दों को, 
धरती में गाडा जायेगा।
वसुधैव कुटुंबकम् भाव से, 
हमने बढ़ना सीखा,
धर्म युद्ध में अधर्मी, 
दुर्योधन सा मारा जायेगा।
कुरूक्षेत्र के समर प्रांगण, 
गीता सार समझकर,
विघटनकारी निष्ठा को भी 
निपटाया जायेगा।
खड़े हुये हैं रण को तत्पर, 
राणा लेकर भाला,
चेतक भी तैयार खड़ा, 
पैरों से कुचला जायेगा।
लक्ष्मीबाई और शिवा भी, 
तलवारों को धार रहे,
अबकी आंख उठाई तो, 
घर में घुस मारा जायेगा।
विद्यालक्ष्मी निकेतन, 53-महालक्ष्मी एन्क्लेव, मुज़फ्फरनगर उत्तर प्रदेश

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