श्री राम

अ कीर्ति वर्द्धन,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

अयोध्या में श्रीराम के, 
नाम से सब काम हो,
हिंदुत्व का गौरव, 
अयोध्या नगरी पहचान हो।
सरयू की धार शीतल, 
सदा नीरा बन बहती रहे,
संत शिरोमणी हनुमान का, 
अयोध्या धाम हो।
निवास करते जिस धरा, 
बजरंग द्वारपाल बन,
स्वर्ग से सुन्दर अयोध्या, 
विश्व स्वाभिमान हो।
जन्म स्थान धाम से, 
जनकपुर ससुराल तक,
राम सीता- राम से, 
चहूं दिशा गुंजायमान हों।
स्वर्ग से देवता भी, 
पुलकित हो पुष्प वर्षा करें,
अयोध्या का गौरव हो, 
हिंदुत्व का अभिमान हो।
राम राज्य की कल्पना, 
रामायण में कही गयी,
मानव के सपनों का भारत, 
अयोध्या मुकाम हो।
कनक भवन मां सीता का, 
आश्रय स्थल बना रहे,
कौशल्या केकैयी सुमित्रा, 
माताओं का वरदान हो।
सेवा समर्पण हनुमान सा, 
लक्ष्मण सा भाई मिले,
राम सीता मन में बसें, 
अयोध्या मे मेरे प्राण हों।
मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश

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