शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज में आज एसआरजीसी-एयरो के कोलेबेरेशन के तहत ओमनी (ओसीआर मशीन लर्निंग, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन) प्लेटफॉर्म पर शुरू होने जा रहे परीक्षण का उदघाटन समारोह आयोजित किया गया।
यह ट्रेनिंग मुख्यतः इंजीनियरिंग एवं कम्प्यूटर एप्लीकेशन के विद्यार्थियों के लिये होगी। आरपीए जैसी अन्य टैक्नोलॉजीज पर विशेषतः आधारित होगी, जिसका केन्द्र श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज की कम्प्यूटर लैब्स होगी। इस ट्रेनिंग के माध्यम से विद्यार्थियों को वर्तमान समय में सबसे मुख्य तकनीकों के ज्ञान द्वारा अच्छे प्लेसमेंट में सबसे अधिक मदद मिलेगी। इस एक छमाही के प्रशिक्षण के प्रशिक्षिक शुभम सिदाना रहेगें, जो कि आयरो डिजिटल लैब्स में इंटेलिजेंस ऑटोमेशन आर्किटैक्चर के पद पर कार्यरत हैं।इस प्रशिक्षण के आयोजन का मुख्य उद्देश्य एयरो डिजीटल लैब के कुछ आर्टिफीशियल इंटेलिजेंट पर आधारित उत्पादो के बारे में अवगत कराना, उनकी उपयोगिताओं पर चर्चा करना एवं सबसे मुख्य उनके तकनीकी पहलुओं को पूर्णतः खोलकर गहराई से अवगत कराना था। इस प्रशिक्षण के माध्यम से कम्पनी से आये संसाधन व्यक्तियों द्वारा आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की जानकारी, आज के युग में उसकी उपयोगिताओं एवं आरपीए अर्थात रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन पर चर्चा की गई एवं कम्पनी के कुछ प्रोजेक्टस पर हैण्ड् ऑन भी कराया गया।
शुभम सिदाना ने बताया कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा सिमुलेशन है, जिससे कि मशीनों को इंसानी इंटेलिजेंस दिया जाता है, या यूं कहें कि उनके दिमाग को इतना उन्नत किया जाता है कि वह इंसानों की भांति सोच सकें और कार्य सकें। उन्होंने बताया कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की मुख्यतः तीन प्रक्रियायें हैं- 1. लर्निंग-इससे मशीनों के दिमाग में इनफोर्मेशन डाला जाता है, जिससे कि वो उन निर्देशों के पालन पर दिये गये गये कार्यों को पूरा कर सकें। 2. रीजनिंग-इसके अन्तर्गत मशीनों को निर्देशों का पालन करके परिणामों की ओर अग्रसर होने योग्य बनाया जाता है। 3. सेल्फ करेक्शन
इस अवसर पर आशीष शर्मा ने आरपीए के बारे में बताया एवं शिक्षकों को आरपीए टूल पर हैण्ड्स ऑन भी कराया।उन्होंने बताया कि आरपीए अर्थात रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन एक बिनसेस स्वचालन टैक्नोलॉजी है या यह कह सकते हैं कि यह एक स्वचालन सॉफ्टवेयर टूल है, जिसके माध्यम से आप अपना स्वयं का रोबोट बना सकते हैं।यानि जो भी कार्य होता है, वह रोबोट के द्वारा ऑटोमेटिक तरीके से किया जाता है। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य इंसानों के द्वारा होने वाली गलतियों को कम करना है। उन्होंने बताया कि इसका इस्तेमाल हैल्थ, बिजनेस, फाइनेंस आदि में किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह बिजनेस प्रोसेस एवं डिलीवरी आदि को सफल बनाता है और प्रक्रिया निष्पादन को मानव से सॉफ्टवेयर में स्थानान्तरित करता है। ये सॉफ्टवेयर बाट-इन-हाऊस एप्लीकेशन वेबसाइट और उपयोगकर्ता पोर्टल के साथ इंटेरेक्ट कर सकते हैं।
इस अवसर पर श्रीराम ग्रुप ऑफ कालेजेज के चेयरमेन डॉ0 एससी कुलश्रेष्ठ ने इस एमओयू और ज्वाइंट वेंचर को एसआरजीसी के एक मुख्य स्तम्भ का नाम दिया, जिसके द्वारा विद्यार्थियों के अच्छे टेªनिंग एवं प्लेसमेंट की सौ प्रतिशत सम्भावनाएं हैं। श्रीराम कॉलेज के कार्यवाहक निदेशक निशान्त राठी, कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजी0 से पवन गोयल कम्प्यूटर एप्लीकेशन से नीतू सिंह एवं इलैक्ट्रॉनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन इं0 कनुप्रिया उपस्थित रहे।
बता दें कि एयरो डिजीटल लैब कम्पनी गुड़गांव के साथ श्रीराम ग्रुप ऑफ कालेजेज का एमओयू साइन हुआ है, जिसके अन्तर्गत कम्पनी द्वारा श्रीराम ग्रुप ऑफ कालेजेज के विद्यार्थियों को कम्पनी के विभिन्न तकनीकी पहलुओं एवं नवीनतम टैक्नोलॉजीज पर प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिससे उन्हेें कहीं बाहर जाकर इण्टर्नशिप या इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग करने की आवश्यकता नहीं रही जायेगी। यह परीक्षण ओमनी नामक एक तकनीक पर है, जो विभिन्न तकनीकियों का समावेश है। यह एयरो नामक कम्पनी का एक परीक्षण हेतु एक उत्पाद है।