मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। ब्रह्माकुमारी केंद्र में करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपों के खिलाफ बंगाली नवनिर्माण सेना मैदान में उतर आई है। इस संगठन के पदाधिकारियों और ब्रह्माकुमारी की सिलचर शाखा के नए-पुराने सदस्यों और सिलचर के जागरूक नागरिकों ने धर्म के नाम पर करोड़ों रुपए के गबन की योजना को सार्वजनिक रूप से उजागर किया है। इस घोटाले में मुख्य आरोपी के रूप में सिलचर में ब्रह्माकुमारी केंद्र की प्रमुख ज्योति कलिता का नाम सामने आया है।
आरोप है कि ज्योति कलिता ने असमिया-बंगाली नस्लीय घृणा का आरोप लगाकर वास्तविक घटना को छिपाने की कोशिश की। उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं। जिसमें 85 वर्षीय महिला से करोड़ों रुपए गबन करने का आरोप भी शामिल है। ज्ञातव्य है कि कनिका शर्मा नामक वृद्ध महिला जो निःसंतान सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी है, ने आस्था के चलते अपने जीवन के अंतिम दिनों में सुरक्षा और देखभाल की आशा में अपनी सारी जमा पूंजी और अपने आवास की ऊपरी मंजिल ब्रह्मकुमारी केंद्र के नाम कर दी थी। वसीयत में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि संस्था उनकी देखभाल की पूरी जिम्मेदारी लेगी। लेकिन जब 2022 की विनाशकारी बाढ़ में उनका भूतल स्थित मकान नष्ट हो गया तो उन्हें संस्था की ओर से कोई मदद नहीं मिली। उन्हें मजबूरन एक रिश्तेदार के घर में शरण लेनी पड़ी। उस समय ज्योति कलिता उनके मकान की ऊपरी मंजिल पर रहने लगी। मामला प्रकाश में आने के बाद बंगाली नवनिर्माण सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कनिका शर्मा की कहानी को प्रकाश में लाया और इस धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। संस्था के केंद्रीय अध्यक्ष प्रीतम देव ने स्पष्ट रूप से कहा, हम किसी धार्मिक आस्था के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन धोखाधड़ी के खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा। घटना के मद्देनजर कनिका शर्मा ने खुद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपनी दुखभरी कहानी सुनाई। शिकायत दर्ज होने के बाद ज्योति कलिता ने पुलिस से मदद ली। पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश की।