श्रीमद् भागवत कथा का दूसरा दिन, भागवत शास्त्र की महिमा बखान की

गौरव सिंघल, देवबंद। नगर के शिव चौक मोहल्ला कायस्थवाड़ा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिन व्यासपीठ से पंडित विनय प्रकाश तिवारी ने कहा कि जीवन में हर मानव यहां आकर अपना निज पता भूल जाता है जो बड़ी विपत्ति का कारण बनता है। इसलिए इसका समाधान तुरंत करना चाहिए। मानव जीवन में गलती होने की बहुत बड़ी संभावना है। परीक्षित जैसे राजा जो भारत की उन्नति के लिए समर्पित थे फिर भी एक भूल ने उनके राजकीय शासन पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया था। लेकिन समर्थ सद्गरू की शरण ने उन्हें निर्भय कर दिया। सच्चा सद्गुरू सारी समस्याओं का अंत कर देता है। भागवत शास्त्र सबके लिए है कोई भी हो, कैसा भी हो, ये सर्व हारा ग्रंथ है।

आज के यजमान रजनीश सिंघल एवं चारु सिंघल रहे। प्रसाद प्रदीप सिंघल सर्राफ की ओर से वितरित किया गया। व्यास पीठ ने सभी को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। कथा में मुख्य रूप से स्वामी रामदयाल, पंडित प्रणव शर्मा, दीपक राज सिंघल, मुकेश गुप्ता, देवी दयाल गर्ग, अभिनंदन गर्ग, शिवम सिंघल, अरुण गोयल, पंडित नाथूराम शर्मा, राजेंद्र शर्मा, पूर्व प्रधानाचार्य कुलदीप शर्मा, मास्टर सोमनाथ गुप्ता, डॉक्टर छत्रपाल शर्मा, मंजू शर्मा, मंजू पाल, निधि गोयल, सुनीता कंसल, बबली शर्मा, मोना मित्तल, सहयोगिता, सोमलता शर्मा, रेखा गर्ग, रश्मि अग्रवाल, मीनाक्षी आदि सैकड़ों महिला, पुरुष उपस्थित रहे। संचालन सतीश गिरधर ने किया।

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