क्षत्रपति शाहूजी महाराज जयंती पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित
आलोक कुमार सिंह, मीरजापुर। किसान गौरी शंकर सिंह स्मृति सेवा संस्थान मीरजापुर व सरदार पटेल सेवा आश्रम ट्रस्ट लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में क्षत्रपति शाहूजी महाराज जयंती पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संचालक आलोक कुमार सिंह ने नमो बुद्धाय कह कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होने बताया कि आज आरक्षण के जनक, समतामूलक समाज के संस्थापक, नालेज आफ सिंबल डॉ भीमराव अंबेडकर जी को आगे बढ़ाने, पढ़ाने वाले, महान समाज सुधारक, बहुजनों के मसीहा क्षत्रपति शाहूजी महाराज जयंती है। उन्होने शाहूजी महाराज को शत्-शत् नमन करते हुए कार्यक्रम में सम्मिलित समस्त वरिष्ठ, अंग्रेज, अनुज प्रतिभागियों, आमंत्रित कवि एवं कवयित्री जन, कार्यक्रम आयोजक संस्था का स्वागत व अभिनन्दन किया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ कवयित्री विजय कुमारी मौर्य 'विजय' ने शाहूजी महाराज को अपने रचना के माध्यम से नमन करते हुए- समाज सुधारक छत्रपति शाहू जी महराज कोटि-कोटि है नमन् उन्हें हमको उन पर नाज़।
यूं तो मेहनत कर रहे हैं सभी क्षेत्र में हम पर सम्बल से आपके सिर उठा रहे हैं आज।
जूडो औ कराटे यदि सीखी होती सीता माई पटखि के रावन को देती पटखनिया।
पुलकित होते राजा राम औ लखन मिलि क्यों करते पवनसुत लंका दहनियां।
मरता न बाली तब राम जी के हाथन सों कटते न कान और नाक की नथुनियां।
अग्नि की परीक्षा दै के धोबिया की बात पर त्यागते न राम तब अपनी दुल्हनियां
कार्यक्रम में सन्नी पटेल 'अभिषेक' (नौ रस) उन्नाव ने हास्य, व्यंग व लेखकों को समर्पित व समाज को उनके प्रति जागरूक करने वाली रचना सुनाया। अंशुमान पटेल (हास्य/व्यंग्य) उन्नाव ने अपनी नवोदित रचनाओं से मंच पर शमा बांध दिया। डॉ. मान सिंह (गीतकार) उन्नाव ने देश के वर्तमान दशा पर व्यंग गीत प्रस्तुत किया। दीपा पटेल (श्रृंगार रस) बाँदा ने मां सरस्वती का वंदन कर मां एवं पिता को समर्पित गेय रूप में काव्य पाठ किया। प्रमोद कुमार पटेल ने विस्तार पूर्वक क्षत्रपति शाहूजी महाराज के जीवन व संघर्ष गाथा बताया।
कार्यक्रम में प्रेम शंकर चौधरी ने कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिभागियों रूपी श्रोताओं, कवि एवं कवयित्री जन के प्रति आभार प्रकट किया, जिन्होंने क्षत्रपति शाहूजी महाराज जयंती पर आनलाईन आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम में अनुज कुमार, मदन सिंह, प्रेमलता पटेल आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।