हवलेश कुमार पटेल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
अभी हाल ही मैं मेरे एक डाक्टर मित्रा बडे़ आश्चर्य के भाव से मुझसे बोले-यार आजकल ये टैट्रैवल एजेंसी वाले ज्योतिष का सहारा भी लेने लगे हैं क्या? मैंने पूछा-आखिर ऐसा क्या हो गया, तो उन्होंने बताया कि कल मैं अपने शिमला जाने के प्लान को अन्तिम रूप देने के लिये नेट पर कुछ जानकारियां सर्च कर रहा था। आज ही एक ट्रैवल एजेंट का फोन आया और मुझे अपनी एजेंसी द्वारा शिमला टूर का पैकेज के बारे में समझाने लगा। आखिर उसे कैसे पता चला कि मुझे शिमला जाना है। मैने कहा सब नेट का कमाल है।
मेरे एक अन्य मित्रा ने बताया कि उनके बेटे ने विगत सत्रा में टैक्निकल एजूकेशन के लिये प्रवेश परीक्षा दी थी, लेकिन वह उसमें अच्छी रैंक नहीं ला पाया था, जिस कारण आईटीआई में उसके दाखिले मे कापफी दिक्कते आ रही थीं, लेकिन अचानक कई कालेजों से उनके पास ऑफर आने लगे और अपने संस्थान के द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं सहित कई लालच देते हुए अपने यहां दाखिला देने की पेशकश करने लगे। यार आखिर उन्हें कैसे पता चला कि मेरे बेटे को आईटीआई में दाखिला लेना है। ऐसे ही कई बार आपके मोबाइल पर काॅल आती है और आपको कई तरह के निवेश योजनाओं के बारे या शाॅपिंग सहित अन्य की जानकारी देने की कोशिश की जाती है। आखिर उनके पास आपका नम्बर कैसे आया या उन्हें कैसे पता चला कि आप क्या प्लान करना चाह रहे हैं। क्या आपने इस विषय पर कभी गम्भीरता से सोचा? इंटरनेट पर काम करते समय आप यह कतई न सोंचे कि आप गूगल या अन्य सर्च इंजिन पर जो भी सर्च कर रहे हैं उसकी जानकारी केवल आप या आपके गूगल तक ही सीमित है, बल्कि सच्चाई यह है कि आपके व आपके गूगल अथवा आपके सर्च इंजिन के अलावा एक तबका ऐसा भी है जो बगुले की तरह नेट पर आपकी हर गतिविधियों पर नजर रख रहा है और जब भी उसे आपमें अपने मतलब का कुछ भी नजर आयेगा, तुरन्त ही वह एक्टिव हो जायेगा।
आईये! इस बारे में हम आपको कुछ रोचक बाते बताते है। ये तो सभी को पता है आज इंटरनेट का युग है और लगभग हर चीज नेट पर उपलब्ध् है। बस इसी को ध्यान में ही रखकर आज एक बडे तबके ने इसी क्षेत्र में अपना रोजगार विकसित कर लिया है और ‘‘हींग लगे न फिटकरी, रंग चोखा’’ की तर्ज पर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार आज यह कारोबार सैकड़ों करोड़ प्रतिदिन की सीमा को भी पार कर गया है। आपने ऐसे कई विज्ञापन देखे होंगे कि ‘घर पर ही केवल नेट पर सर्च करके ही हजारों कमायें’। काॅल सेंटर भी तकरीबन इसी तर्ज पर रोजाना अरबों का व्यवसाय किया जा रहा है। इतना ही नहीं आजकल नेटवर्किंग का दायरा बढ़ाने के लिये इंटरनेट सबसे अच्छा माध्यम है। इससे इतर एक ही पिफल्ड के लोगों के नाम लाॅट में प्राप्त करने के लिये विभिन्न संगठनों की सेमिनार व बैठकों में आमंत्रित व सम्मिलित होने वाले लोगों की सूची प्राप्त करने के लिये विभिन्न संगठन व नेटवर्किंग का ध्ंधा करने वाले लोग अच्छी कीमत पर प्राप्त करने के लिये लालायित रहते हैं। इसके अलावा उच्च शिक्षा के बहुत सारे ऐसे संस्थान हैं जो विभिन्न संस्थानों के पास आऊट बच्चों की सूची प्राप्त करके अपने संस्थान में प्रवेश देने की पेशकश करते हैं। कई संस्थानों के जिम्मेदार लोग विभिन्न संस्थानों के कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर उत्र्तीण छात्रा-छात्राओं को सम्मानित करने के साथ ही उनके लिये अपने संस्थान के दरवाजे खुले होने की बात कहकर अपना उल्लू सीध करते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि आज लोग नेटवर्किंग को हद के दर्जे तक तरजीह दे रहे हैं और इतना ही नहीं इसके बल पर वे अच्छा खासा कमा भी रहे हैं।
लेखक शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र व वेबपोर्टल का कार्यकारी सम्पादक है।