शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्रीराम ग्रुप ऑफ काॅलेजेज़ के फाॅर्मेसी संकाय में विद्यार्थियों के लिए “दवाई निर्माण व दवाई वितरण प्रणाली“ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को दवाई निर्माण की क्रिया-विधि एवं दवाई वितरण प्रणाली के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देना रहा। इस अवसर पर सेमिनार के मुख्य वक्ता के रूप में शोभित विश्वविद्यालय के उप कुलपति रंजीत सिंह और शोभित विश्वविद्यालय के ही सचिव उपेन्द्र नगीच उपस्थित रहे।
सेमिनार में मुख्य वक्ता रंजीत सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में हमारा देश दवाई निर्माण उद्योग के क्षेत्र में अग्रणीय है। देश में लगभग 3000 से अधिक फाॅर्मा कंपनियां दवाई निर्माण में लगी हुई हैं। केंद्र सरकार इस क्षेत्र में बहुत सी देशी-विदेशी कंपनियों को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि दवाई निर्माण के क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए नौकरियों के बेहतर विकल्प मौजूद हैं।
कार्यक्रम में शोभित विश्वविद्यालय के सचिव उपेन्द्र नगीच ने गतिशील स्वास्थ्य उद्योगों की जानकारी देते हुए कहा कि यह उद्योग आज के समय में नौकरी के साथ-साथ भारत सरकार की आय का अहम् स्त्रोत भी है। वर्तमान में स्वास्थ्य उद्योग तीव्रता के साथ विकसित हो रहे हैं और वर्ष 2020 तक इनका वार्षिक टर्नओवर लगभग 280 अरब करोड़ होने का अनुमान भी है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों एवं रोजगार के क्षेत्र में फाॅर्मेसी के विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए श्रीराम काॅलेज ऑफ फाॅर्मेसी के साथ मिलकर शोभित विश्वविद्यालय ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर श्रीराम ग्रुप ऑफ काॅलेजेज़ के चेयरमैन डा0 एससी कुलश्रेष्ठ ने विद्यार्थियों को फाॅर्मेसी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि चिकित्सा में प्रयुक्त द्रव्यों के ज्ञान को ही फाॅर्मेसी कहा जाता है। फाॅर्मेसी के अंतर्गत् दवाईयों का ज्ञान तथा उनके निर्माण की विधि ही नहीं अपितु उनकी पहचान, संरक्षण एवं विश्लेषणों की जानकारी दी जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि नई दवाईयों का आविष्कार तथा निर्माण करना ही फाॅर्मेसी के प्रमुख कार्य हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने विद्यार्थियों को समय का पाबंद और स्वयं में विश्वास रखने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि हर बड़े बदलाव की शुरूआत स्वयं में बदलाव लाकर की जाती है।
श्रीराम काॅलेज ऑफ फाॅर्मेसी के निदेशक डा0 गिरेन्द्र कुमार गौतम ने बोलते हुए कहा कि भारतीय फाॅर्मेसी उद्योग लोगों को सस्ती दवाईयां उपलब्ध कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी के तीव्र विकास के युग में फाॅर्मेसी क्षेत्र में भी करियर, रोजगार और अनुसंधान के बेहतर अवसर और संभवनाएं उपलब्ध हैं। इस अवसर पर श्रीराम काॅलेज की प्राचार्या डा0 प्रेरणा मित्तल, फाॅर्मेसी संकाय के प्रवक्ता टिंकू कुमार, श्वेता पुण्डीर, छवि गुप्ता, शफकत जै़दी, रोहित मलिक, विकास कुमार और अमल कुमार आदि मौजूद रहें।