श्रद्धालुओं की जेब तरासने से बाज नहीं आ रहा विद्युत विभाग

शि.वा.ब्यूरो, खतौली। सरकार सहित शासन-प्रशासन व श्रद्धालुओं की मंशा शिवभक्त कांवड़ियों के प्रति चाहे जैसी हो और श्रद्धालु कांवड़ सेवा शिविर में करोड़ो रूपये खर्च करके भगवान् आशुतोष का जलाभिषेक करने हेतु हरिद्वार से जल लाने वाले शिवभक्तों की सेवा में बिछे जा रहे हों, लेकिन बिजली विभाग शिवभक्तों की सेवा में कांवड़ सेवा शिविर लगाने वाले ऐसे लोगों को कानून के जाल में फंसाने के नये-नये पैंतरे  अपना रहा है।

ऐसा ही एक मामला गंगनहर पर आयोजित कांवड़ सेवा शिविर के मामले में सामने आया है। कांवड़ सेवा शिविर के संचालकों ने बताया कि उन्होंने बिजली विभाग से 8 किलोवाट का अस्थाई विद्युत कनैक्शन भी नियमानुसार मंजूर करा रखा है, लेकिन विद्युत विभाग ने कांवड़ सेवा शिविर के संचालक आकाश वर्मा को नोटिस जारी करके अंकन 4550/- निरीक्षण शुल्क जमा कराने का आदेश जारी किया है। हालांकि करोड़ों रूपये खर्च करके शिवभक्त कांवड़ियों की सेवा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए 4550/- कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन बड़ी बात ये है कि उक्त के प्रति विद्युत विभाग के अफसरों की सोच क्या है। 

विद्युत विभाग के बारे में गहरी जानकारी रखने वाले लोग बताते हैं कि विद्युत विभाग के अफसर गन्ना पेराई के सीजन में क्षेत्र में गन्ने की पेराई करके गुड़ आदि बनाने वाले बहुत से कोल्हू व कैसर संचालकों से सांठगांठ करके बिना कनैक्शन के ही विद्युत की आपूर्ति कराते हैं। इसकी ऐवज में वे विभाग को करोड़ों की चपत लगाकर लाखों रूपये अपनी जेब में हजम कर जाते हैं। कई मामलों में तो देखा गया है कि नाममात्र को अस्थाई कनैक्शन जारी करने के बाद भी धड़ल्ले से बिजली चोरी कराते रहते हैं। गन्ने के पेराई सत्र में इस मामले में विभागीय हित में उच्च स्तरीय जांच जरूरी है। 

प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो उक्त कांवड़ सेवा शिविर में शिवभक्त कांवड़ियों के ठहरने, खाने व उपचार आदि की पूरी सुविधा निशुल्क है और प्रतिदिन लाखों रूपया इस सेवा में खर्च हो रहा है। इतना ही नहीं जिला प्रशासन का भी पूरा सहयोग प्राप्त हो रहा है, लेकिन विद्युत विभाग है कि श्रद्धालुओं की जेब तरासने से बाज नहीं आ रहा है। उक्त के सम्बन्ध में विद्युत विभाग के स्थानीय एक्सईन ने शिक्षा वाहिनी को दूरभाष पर बताया कि ये शुल्क तो नियमानुसार है और इसे कांवड़ सेवा शिविर संचालकों को जमा कराना ही पडेगा।

Post a Comment

Previous Post Next Post