मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में असम विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में संस्कृत सप्ताह का शुभ उद्घाटन किया गया। विश्व संस्कृत दिवस श्रावणी पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। संस्कृत सप्ताह श्रावणी पूर्णिमा से तीन दिन पहले और तीन दिन बाद, कुल सात दिनों तक मनाया जाता है। संस्कृत सप्ताह के अवसर पर, असम विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में 12 अगस्त तक सात दिवसीय सरल संस्कृत संभाषण सत्र का आयोजन किया गया है। आज उद्घाटन समारोह के साथ इसका शुभ उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में संस्कृत विभाग की डीन प्रोफेसर शांति पोखरेल, विभागीय प्रोफेसर डॉ गोविंदा शर्मा और बंगाली विभाग के प्रोफेसर बिश्वतोष चौधरी, जो मुख्य अतिथि थे, उपस्थित थे। इसके अलावा, विभाग के अतिथि प्रोफेसर, छात्र, शोधकर्ता और अन्य विभागों के छात्र भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि इस संभाषण सत्र में भाग लेने के लिए लगभग 65 छात्रों ने पंजीकरण कराया है। विभागाध्यक्ष शांति पोखरेल ने अतिथियों का स्वागत किया। संस्कृत विभाग की स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की छात्रा जोयिता चक्रवर्ती ने सरस्वती वंदना की और विभागीय छात्रा अमृता कैरी ने ध्येय मंत्र का पाठ किया। प्रदर्शन कला विभाग की छात्रा सायंतनी चौधरी ने संगीत प्रस्तुत किया। संस्कृत विभागाध्यक्ष शांति पोखरेल ने संस्कृत दिवस और इस सरल संस्कृत सम्भाषण वर्ग के उद्देश्य के बारे में बताया। बंगाली विभाग के प्राध्यापक विश्वतोष चौधरी ने संस्कृत भाषा के महत्व और वर्तमान समय में संस्कृत के अध्ययन की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत केवल ब्राह्मणों की पूजा का विषय नहीं है, बल्कि इसके साहित्यिक सौंदर्य और वैज्ञानिक व्याख्या पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। इस वर्ग के संयोजक डॉ. गोविंदा शर्मा ने कहा कि संस्कृत सबसे प्राचीन भाषा और सबसे नवीन भाषा दोनों है। इस भाषा शिक्षण के माध्यम से हम अपने प्राचीन गौरव को बनाए रख पाएंगे। और इस वर्ग में भाग लेकर छात्र संस्कृत में संवाद स्थापित कर पाएंगे।
संस्कृत विभाग के अतिथि प्राध्यापक डॉ. कल्लोल रॉय ने उपस्थित सभी का धन्यवाद किया। तत्पश्चात कल्याण मंत्र के उच्चारण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभागाध्यक्ष एवं संस्कृत भारती, त्रिपुरा क्षेत्र के संगठन मंत्री विक्रम विश्वास ने किया। वे इस वाणी वर्ग के शिक्षक भी हैं। उन्होंने आज के प्रथम वर्ग का संचालन अत्यंत रोचक ढंग से किया।