कृषि विविधीकरण परियोजना का प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट ग्रुप के अनुमोदन से कृषकों को होगा लाभ

गौरव सिंघल, सहारनपुर। मुख्य विकास अधिकारी सुमित राजेश महाजन की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट ग्रुप की बैठक आहूत की गई। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कृषि विविधीकरण परियोजना की समीक्षा की गयी। जिसमें मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कृषि विविधीकरण परियोजना का व्यापक प्रचार-प्रसार अधिकतम कृषकों तक योजना की जानकारी विभिन्न माध्यमों द्वारा पहुँचाने के निर्देश दिये गये। प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट ग्रुप द्वारा सहारनपुर में कृषि विविधीकरण परियोजना का अनुमोदन लिया गया। मुख्य विकास अधिकारी  द्वारा दलहन, मक्का एवं सब्जियों के क्लस्टर बनाने पर जोर दिया गया। योजना पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छः मण्डलो के 11 जनपदों में कृषि विविधीकरण परियोजना संचालित हो रही है। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा  अवगत कराया गया है कि सहारनपुर जनपद में कुल 892 हेक्टेअर धान के क्षेत्र का प्रतिस्थापन यूपीडास्प, सहारनपुर द्वारा किया जायेगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य धान के क्षेत्र को कम पानी चाहने वाली फसलो से प्रतिस्थापित करना है। जैसे कि भूगर्भ का जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है, जिसके चलते भविष्य में पेयजल की भी समस्या उत्पन्न हो सकती है। यूपीडास्प की कृषि विविधीकरण परियोजना द्वारा धान का प्रतिस्थापन कर कम जल चाहने वाली फसलों को उगाने के लिये प्रेरित किया जायेगा। 

जनपद में कृषि विविधीकरण परियोजना में चयनित फसलें खरीफ में उर्द/मूंग, मक्का, मूंगफली, बाजरा, सोयाबीन एवं खरीफ सब्जियां है। इस योजना मे जनपद के सभी विकासखण्ड सम्मिलित होंगे। कृषकों को फसल विविधीकरण करने पर अनुदान दिया जायेगा। यह योजना क्लस्टर आधारित होगी, जिसमे उर्द/मूंग, मक्का, मूंगफली, बाजरा, सोयाबीन का एक क्लस्टर 10 हैक्टेयर का होगा जिसमे एक कृषक अधिकतम दो हैक्टेयर धान का प्रतिस्थापन योजना के अन्तर्गत कर सकेंगे। सब्जी का क्लस्टर भी 10 हैक्टेयर का होगा। इसमें एक कृषक अधिकतम 0.4 हैक्टेयर का लाभ ले सकेगा। इस योजना में कृषि यंत्रों पर भी अनुदान दिया जायेगा। जिसमे क्लस्टर के कृषकों को वरीयता दी जायेगी। इसके लिये इच्छुक कृषकों को यूपीडास्प की वेबसाईट  www.updasp.co.in  पर पंजीकरण करना होगा। इसके लिये कृषि विभाग की किसान पंजीकरण संख्या, आधार कार्ड, फैमिली आई0डी0, बैंक पासबुक की छायाप्रति, खतौनी (जिसमें कृषक की हिस्सेदारी स्पष्ट हों), गत वर्ष के धान के फसली वर्ष का खसरा आदि की आवश्यकता होगी। जोकि पंजीयन के समय अपलोड करने होंगे। योजना पहले आओ, पहले पाओ समस्त बिल /यू वाउचर एवं पत्राजातो सहित क्लस्टर बनाने पर आधारित होगी। इच्छुक कृषक इस सम्बन्ध में यूपीडास्प की वेबसाईट www.updasp.co.in के साथ कम्पनी बाग परिसर स्थित जिला परियोजना समन्वयक, यूपीडास्प के कार्यालय में जिला परियोजना समन्वयक (DPC)- 8439593493, सहायक प्रबन्धक सिस्टम 7510002058 से सम्पर्क स्थापित कर परियोजना की जानकारी ले सकते है।बैठक में उप कृषि निदेशक, जिला परियोजना समन्वयक, यूपीडास्प, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी एवं सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ उपस्थित रहे। 

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