अखिल भारतीय यूनानी तिब्बी सम्मेलन की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए

गौरव सिंघल, देवबंद। जामिया तिब्बिया देवबंद के निदेशक-प्रबंधक एवं आल इण्डिया मेडिकल तिब्बी कान्फ्रेंस के अध्यक्ष डा0 अनवर सईद ने पत्रकारों को बताया कि यूनानी चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार और समग्र विकास के लिए समर्पित राष्ट्रव्यापी संगठन अखिल भारतीय यूनानी तिब्बी सम्मेलन की एक महत्वपूर्ण बैठक नई दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस सत्र की अध्यक्षता प्रसिद्ध यूनानी चिकित्सक हकीम मोहम्मद खालिद सिद्दीकी पूर्व डायरेक्टर जनरल सीसीआरयूएम तथा अध्यक्ष आल इण्डिया मेडिकल तिब्बी कान्फ्रेंस ने की, जिसमें यूनानी चिकित्सा पद्धति से संबंधित कई प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और भविष्य की रणनीतियों के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। एजेंडे में सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) कार्यक्रम और राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन पर विचार-विमर्श के साथ-साथ राष्ट्रीय कार्यसमिति के गठन पर गंभीर चर्चा शामिल थी। तथा निर्णय लिया गया कि कार्यसमिति 24 मई, 2025 को अखिल भारतीय यूनानी तिब्बी सम्मेलन के मुख्यालय में अपनी औपचारिक बैठक आयोजित करेगी, जिसमें यूनानी चिकित्सा के विकास पर आगामी कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। 

बैठक में यूनानी चिकित्सा के सामने मौजूदा चुनौतियों, इसके शोध और शैक्षणिक क्षेत्रों की उन्नति और यूनानी चिकित्सा संस्थानों की संरचना और प्रबंधन में सुधार पर भी गहन रूप से ध्यान केंद्रित किया गया। विभिन्न राज्यों के अनुभवी चिकित्सकों, शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों ने भाग लिया और व्यावहारिक सुझाव दिए। डा0 अनवर सईद ने बताया कि इस कार्यक्रम में उर्जावान, विद्वान, तथा क्रमशील चिकित्सकों अध्यापकों तथा छात्रों को विभिन्न आयाम के अंतर्गत संस्था से जोड़ा जायेगा। इसके अतिरिक्त अवामी जागरूक्ता के लिये विभिन्न प्रकार यूनानी संबंधी आयोजन देश भर मे जगह- जगह पर किये जायेगे ताकि अवाम यूनानी चिकित्सा पद्धति की महत्ता को समझ सके तथा इस पद्धति को जनस्वास्थ में अपनी महत्वता सिद्ध करने का अवसर प्राप्त हो। बैठक में यूनानी चिकित्सा की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। जिनमें दिल्ली से डा. इशरत कफील, डा. नफीस, डा. काशिफ जकाई, डा. शोएब, डा. अकरम, डा. नाजिश और डा. अख्तर सईद सचिव जामिया तिब्बिया देवबंद आदि शामिल थे। जिन्होंने यूनानी प्रणाली के विकासात्मक पहलुओं पर बहुमूल्य जानकारी दी। बैठक के समापन पर सर्व सम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें भारत सरकार से यूनानी चिकित्सा संस्थानों को  आधुनिक संसाधन, उन्नत शोध सुविधाएं और संस्थागत सहायता प्रदान करने का आग्रह किया गया। प्रस्ताव में यूनानी चिकित्सा को बढावा देने के लिए एक व्यापक और प्रभावी राष्ट्रीय नीति तैयार करने का भी आह्वान किया गया। जामिया तिब्बिया के निदेशक-प्रबंधक एवं आल इण्डिया मेडिकल तिब्बी कान्फ्रेंस के अध्यक्ष डा0 अनवर सईद ने बताया कि सम्मेलन में प्रतिभागियों ने यूनानी चिकित्सा के वैज्ञानिक आधार को मजबूत करने और निरंतर सामूहिक प्रयासों के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य में इसकी प्रभावशाली भूमिका सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

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