संयुक्त निदेशक के पद से सेवानिवृति होने के पश्चात् युद्धवीर ठाकुर ने किया प्रीतिभोज का आयोजन

शि.वा.ब्यूरो, शिमला। कोष, लेखा एवं लॉटरीज विभाग से संयुक्त निदेशक के पद से सेवानिवृति होने के पश्चात् युद्धवीर सिंह ठाकुर ने अपने गांव में स्थित जालपा माता मंदिर के सामुदायिक भवन घटासनी, डा० गुम्मा, जोगेंद्रनगर में 5 मई, 2024 रविवार को प्रीतिभोज का आयोजन रखा । इस अवसर पर संयुक्त निदेशक, कोष, लेखा एवं लॉटरीज हिमाचल प्रदेश अरूण ओझा तथा विभाग के विभिन्न जिलों के जिला कोषाधिकारी, कोषाधिकारी, अधीक्षक व अन्य कर्मचारियों ने शिरकत की। दूर दराज से इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले अनेक मेहमानों ने दर्शनीय स्थल बरोट तथा गुम्मा व द्रंग में नमक के पहाड़ व झरने देखने का लुत्फ भी उठाया।

बता दें कि युद्धवीर सिंह ठाकुर की प्रथम नियुक्ति पुलिस विभाग में 28.07.1986 में हुई थी। पुलिस विभाग में रहते हुए इन्होंने अपनी सेवाएं मंडी, जुनगा, उदयपुर तथा सुंदरनगर में दी। सन 1996 में पुलिस विभाग का त्याग करने  के उपरांत जून 2005 तक सुजानपुर, जोगिंद्रनगर व पधर में कोषाधिकारी के पद पर कार्य किया। जुलाई 2005 से मई 2010 तक जिला कोषाधिकारी मंडी का पद संभाला। 2012 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट फरीदाबाद से एमबीए की डिग्री प्राप्त करने के बाद 2017 तक पुनः जिला कोषाधिकारी मंडी के पद पर काम किया। 2015 से 2017 तक उपनिदेशक मंडी रहे।  उपनिदेशक इंस्पेक्शन दक्षिणी क्षेत्र,उपनिदेशक प्रशासन एवं वर्ल्ड बैंक प्रोजेक्ट के पद पर कार्य करने के बाद श्री ठाकुर ने जनवरी 2022 में संयुक्त निदेशक के रूप में कार्य संभाला था। 


कोष नियमावली, वित्त नियमावली आदि में पारंगत युद्धवीर सिंह ठाकुर को अक्सर कोष विभाग का गूगल भी कहा जाता है। न केवल अतिरिक्त निदेशक, कोष ,लेखा एवं लॉटरीज हिमाचल प्रदेश दीपक भारद्वाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोष विभाग को नए आयाम की ओर ले जाने में इनका महत्वपूर्ण सहयोग रहा, बल्कि वित्त विभाग से जारी किसी भी जटिल अधिसूचना को सरलता से समझाने तथा अधिसूचनाओं का विभिन्न मामलों में प्रयोग हेतु न केवल हर जिला के कोष अधिकारियों व  कार्यसहायकों को बल्कि अन्य विभागों के कर्मचारियों का  मार्गदर्शन करने में इनकी अग्रणी भूमिका रही। सरल स्वभाव के धनी युद्धवीर सिंह ठाकुर के सम्मान में  उनकी सेवानिवृति के अवसर पर मुख्यालय(कोष)  द्वारा दिए गए प्रीतिभोज में न केवल अतिरिक्त निदेशक दीपक भारद्वाज एवं संयुक्त निदेशक अरूण ओझा ने बल्कि अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने उनके कार्य, व्यवहार, दक्षता तथा सहयोग संबंधी गुणों की तारीफ के वो पुल बांधे जिसके वे वास्तव में हकदार हैं। अन्य वक्ताओं उपनिदेशक राकेश धर्माणी, जिला कोषाधिकारी गौरव महाजन, अधीक्षक एवं कवयित्री उमा ठाकुर व सुनीता शर्मा शामिल रहे।

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