मदन सुमित्रा सिंघल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
राजनीति फिल्म एवं प्यार में सबकुछ जायज होता है जो हर लक्ष्मण रेखा को लांघकर कर लिए जाते हैं। जब घटना घटित होती है तो एक बार जरूर अफरातफरी अवश्य मचती है लेकिन अधिक दिनों तक नहीं चल पाता।
राजनीति शाम दाम दंड एवं भेद के चार पहलुओं पर चलती है लेकिन अब तो उसमें भी नये नये प्रयोग होने लगे हैं। धर्म के साथ राजनीति का नाता हजारों सालों से रहा है जिसे चाहकर भी हम दूर नहीं कर सकते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निश्चित रूप से सब का साथ सबका विकास तथा सबके विश्वास के साथ देश भर में पार्दर्शिता के साथ सम दृष्टि से विकास कर रहे हैं लेकिन इसके पीछे भी दोहरी राजनीति है कि जो अब तक भाजपा के नजदीक नहीं आये वो आ जाए। तरिका हटकर तथा चौंकाने वाला होता है कि लोग समझते उससे पहले ही ऐसे पैबंद लगा दिए जाते हैं कि शुर्खियो के साथ पक्ष विपक्ष में काफी लोकप्रिय बना दिया जाता है। यह है आम के आम गुठलियों के दाम।
उधर विपक्षी गठबंधन बना जरूर लेकिन, सुर्खियो में आने के लिए अपने दल के स्वार्थ के लिए चोपाल में डिंगे हांक कर तथा हुक्के की घूंट भरकर आ जाते। कांग्रेस का समस्त भारत में बूरा हाल है तो हर क्षेत्रीय दल अपनी सीमा बढाने के लिए स्वपनिल पर्दे पर अलग भूमिका निभाते हैं घर आते ही चोला बदल लेते हैं। मायावती ने सबसे पहले ही घोषणा करदी जबकि वो किसी गठबंधन में थी ही नहीं।ममता बनर्जी ने दो टूक राम राम करली तो भगवंत मान ने भी खरी खरी घोषणा करदी ऐसे ही कोई भी क्षेत्रीय दल धर्मात्मा नहीं बन सकता।
राम मन्दिर का नरेंद्र मोदी ने ऐसा पिच तैयार किया कि भले खुशी से अथवा रो पीटकर धर्म का एवं हिंदुत्व का सहारा लेना ही पङेगा तो अलग अलग रुप में सब जय श्री राम कहने लगे।
पत्रकार एवं साहित्यकार शिलचर, असम
राजनीति शाम दाम दंड एवं भेद के चार पहलुओं पर चलती है लेकिन अब तो उसमें भी नये नये प्रयोग होने लगे हैं। धर्म के साथ राजनीति का नाता हजारों सालों से रहा है जिसे चाहकर भी हम दूर नहीं कर सकते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निश्चित रूप से सब का साथ सबका विकास तथा सबके विश्वास के साथ देश भर में पार्दर्शिता के साथ सम दृष्टि से विकास कर रहे हैं लेकिन इसके पीछे भी दोहरी राजनीति है कि जो अब तक भाजपा के नजदीक नहीं आये वो आ जाए। तरिका हटकर तथा चौंकाने वाला होता है कि लोग समझते उससे पहले ही ऐसे पैबंद लगा दिए जाते हैं कि शुर्खियो के साथ पक्ष विपक्ष में काफी लोकप्रिय बना दिया जाता है। यह है आम के आम गुठलियों के दाम।
उधर विपक्षी गठबंधन बना जरूर लेकिन, सुर्खियो में आने के लिए अपने दल के स्वार्थ के लिए चोपाल में डिंगे हांक कर तथा हुक्के की घूंट भरकर आ जाते। कांग्रेस का समस्त भारत में बूरा हाल है तो हर क्षेत्रीय दल अपनी सीमा बढाने के लिए स्वपनिल पर्दे पर अलग भूमिका निभाते हैं घर आते ही चोला बदल लेते हैं। मायावती ने सबसे पहले ही घोषणा करदी जबकि वो किसी गठबंधन में थी ही नहीं।ममता बनर्जी ने दो टूक राम राम करली तो भगवंत मान ने भी खरी खरी घोषणा करदी ऐसे ही कोई भी क्षेत्रीय दल धर्मात्मा नहीं बन सकता।
राम मन्दिर का नरेंद्र मोदी ने ऐसा पिच तैयार किया कि भले खुशी से अथवा रो पीटकर धर्म का एवं हिंदुत्व का सहारा लेना ही पङेगा तो अलग अलग रुप में सब जय श्री राम कहने लगे।
पत्रकार एवं साहित्यकार शिलचर, असम
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