शहीद मंगल पाण्डेय की मूर्ति लगाने का अभियान तेज, सीएम को ज्ञापन सौंपा

मदन सिंघल, सिलचर। शहीद मंगल पांडेय मूर्ति स्थापना समिति के सदस्यों ने एकीकृत जिला अधिकारी कार्यालय शिलान्यास स्थल के समक्ष खुद चलकर आए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री ने भी शहीद मंगल पांडेय अमर रहे कई बार नारा लगाया तथा मूर्ति स्थापना समिति के महासचिव दिलीप कुमार से ज्ञापन ग्रहण किया।

शहीद मंगल पांडेय मूर्ति स्थापना समिति के कार्यकर्ताओं का समर्पण और लगन प्रत्यक्ष देखने को मिला। बराक घाटी के विभिन्न स्थानों से समिति के कार्यकर्ता सुबह 8:00 बजे से ही शहीद मंगल पांडेय चौक पर जुटना शुरू हो गए। जब तक मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हुई, लगभग 3 घंटे तक लोग भीषण गर्मी में भी खड़े रहे और जवान, बुजुर्ग, महिलाएं सभी स्तर के लोग मुख्यमंत्री से मिलकर मूर्ति स्थापना की मांग करने के लिए पुलिस के साथ संघर्ष करते रहे। पुलिस पीछे हटने के लिए बार-बार धक्का देती रही और लोग शहीद मंगल पांडेय अमर रहे के नारों से आसमान गुंजाते रहे। समिति के कार्यकर्ताओं को इस बात की आशा थी कि मुख्यमंत्री के साथ चल रहे स्थानीय जनप्रतिनिधि समिति के कुछ लोगों को मुख्यमंत्री से मिलवाने के लिए उपाय करेंगे, लेकिन पुलिस प्रशासन समिति के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को धक्का देता रहा और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौन रहे। यहां तक की बुजुर्ग और वरिष्ठ नागरिक और अस्वस्थ समिति के सभापति जवाहरलाल राय की भी किसी ने चिंता नहीं की।
समिति के अध्यक्ष जवाहरलाल राय और महासचिव दिलीप कुमार के साथ आज मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उपस्थित कार्यकर्ताओं में डॉक्टर बैकुंठ ग्वाला, मानव सिंह, राम नारायण नुनिया, सुभाष चौहान, राम सिहासन चौहान, प्रदीप कुर्मी, राजेंद्र पांडेय, गणेश लाल छत्री, तपन धर, अनंत लाल कुर्मी, राजन कुंवर, दीपक प्रजापति, मनोज जायसवाल, मयंक शेखर, अजय नोनिया, प्रताप नोनिया, त्रिलोकी वर्मा, निर्मल ग्वाला, पृथ्वीराज ग्वाला, जवाहरलाल पांडेय, रितेश नोनिया, शिव कुमार, चंद्रशेखर ग्वाला, राहुल नोनिया गोपाल चौहान, जयप्रकाश गुप्ता, प्रमोद शाह, गणेश पसरिजा, राजकुमार चौहान, अमरनाथ प्रजापति, श्रीमती सीमा कुमार, श्रीमती उमा नूनिया, गायत्री चौहान, जनक नंदिनी नोनिया, कुसुम नोनिया, गीता नोनिया, अनीता कुर्मी, बेबी कुर्मी, शत्राजीत प्रजापति, सुमित राय, पतिराम नुनिया, चंद्रवान ग्वाला, सोनू माला, दयाराम नोनिया, श्रवण नुनिया, हरेकृष्ण नुनिया व संजीव नुनिया सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।
बता दें कि पिछले दो वर्षों से शहीद मंगल पांडेय मूर्ति स्थापना समिति शिलचर द्वारा लगातार असम सरकार से मूर्ति स्थापना की अनुमति के लिए प्रयास किया जा रहा है। शायद पूरे बराक घाटी में और किसी महापुरुष के मूर्ति स्थापना के लिए इतना प्रयास करने की आवश्यकता नहीं पड़ी होगी। विभिन्न महापुरुषों की सैकड़ो मूर्तियां बराक घाटी में विभिन्न स्थानों पर लगाई गई है लेकिन कहीं भी इतना प्रयास करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। भारत के प्रधानमंत्री, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री, असम के राज्यपाल, असम के मुख्यमंत्री, काछाड़ के अभिभावक मंत्री, बराक घाटी के एकमात्र मंत्री, बराक घाटी के भाजपा विधायकों से लेकर सोनाई के विधायक तक शहीद मंगल पांडेय मूर्ति स्थापना समिति ने सभी से पिछले 2 साल में संपर्क किया। काछाड़ के जिलाधिकारी से बार-बार संपर्क किया। विभागीय अधिकारियों से भी संपर्क किया। पिछले साल 21 जनवरी को जब मुख्यमंत्री शहीद मंगल पांडेय चौक से गुजरे थे, समिति की तरफ से उनका स्वागत किया गया था और एक प्रतिनिधिमंडल भी सर्किट हाउस में उनसे मिला था। लोगों को आशा हो गई थी कि अब काम हो जाएगा, लेकिन प्रतीक्षा लंबी हो गई।
उल्लेखनीय है कि जब स्थापना समिति स्वयं अपने बल पर सारा खर्च उठाने के लिए तैयार है तथा एक बार बराकघाटी के सभी विधायक दोनों सांसद उपस्थित थे, तब मुख्यमंत्री ने हां भी कर दी थी, लेकिन मामला आज तक लटका हुआ है। 
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