सर्वोच्च न्यायालय ने दी उत्तर प्रदेश के तकनीकी एवं प्रबन्धन संस्थानों को संजीवनी

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। सर्वोच्च न्यायालय में डा0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) एवं उत्तर प्रदेश टैक्निकल इन्स्ट्टियूशन्स (अपटिफ) के द्वारा पुनः दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई हुई, जिसमें न्यायालय के समक्ष डा0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) की तरफ से अटाॅनी जनरल आर0 वेंकटरमणी और उत्तर प्रदेश टैक्निकल इन्स्ट्टियूशन्स की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी तथा नाडकर्णी ने पैरवी की। एकेटीयू से सम्बद्ध सभी कालेजों को सम्बद्धता विषयक अनुमति याचिका को स्वीकार करते हुये सर्वोच्च न्यायालय ने एकेटीयू एवं उससे सम्बद्ध 749 संस्थानों को बड़ी राहत प्रदान की है, जिससे सत्र 2023-24 हेतु अब काउन्सलिंग प्रक्रिया के माध्यम से तथा सीधे प्रबन्धन आदि की सीटों पर प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है। 

एसडी काॅलेज फ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी के अधिशासी निदेशक प्रो0 (डा0) एसएन चौहान ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी तकनीकी एवं प्रबन्धन संस्थानों के लिये सर्वोच्च न्यायालय का आदेश किसी संजीवनी से कम नही है। जो छात्र-छात्रायें अभी ऊहापोह की स्थिति में थे अब उनके चेहरों पर से संशय के बादल छँट गये है। उत्तर प्रदेश के लाखों छात्र-छात्रायें, जो 2023-24 के सत्र में विभिन्न तकनीकी एवं प्रबन्धन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक रहे हैं, उनके लिये भी सर्वोच्च न्यायालय का आदेश खुशी लेकर आया है। अब शीघ्र ही एकेटीयू के द्वारा काउन्ससिंग की प्रक्रिया प्रारम्भ हो सकती है।    

बता दें कि डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से सम्बद्ध प्रदेश के 749 कालेजों की सम्बद्धता के विस्तारण का मामला 01 अगस्त 2023 से असमंजस की स्थित में था, क्योंकि विश्वविद्यालय 31 जुलाई 2023 तक सम्बद्धता की प्रक्रिया पूर्ण नही कर पाया था। विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, परन्तु न्यायालयों द्वारा उसे निरस्त कर दिया गया था, जिस कारण प्रदेश के लाखों युवा जो एकेटीयू से सम्बद्ध संस्थानों में बी0टेक, एम0टेक, एम0बी0ए, बी0फार्मा, बी0आर्क आदि पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेना चाहते थे, ऐसे सभी विद्यार्थी परेशान थे। 


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