स्वरमाला कविता
हंसा पाटीदार, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
*अ* से अनार फल कहलाता।
रोगियों का रोग मिटाता।।१
*आ* से आम है मीठा ताजा।
कहलाता है फलों का राजा।।२
*इ*  से इमली पेड़ पे आती।
खट्टी मीठी सबको भाती।। ३ 
*ई* से ईख है होता गन्ना। 
इसके जैसा मीठा बनना।।४
*उ*  उल्लू एक पक्षी होता।
रात को जागे दिन में सोता।।५
*ऊ* ऊंट को पाला जाता।
रेगिस्तान जहाज कहाता ।।६
*ऋ*  से ऋषि दाढ़ी वाले ।
राम की महीमा बताने वाले।।७
*ए* से एड़ी पैर की होती।
सारे शरीर को वो ढोती।।८
*ऐ* से ऐनक (चश्मा) है कहलाता।
ऑंखो की रोशनी बचाता।।९
*ओ* से ओखल मम्मी लाई।
धान कूट कर चावल बनाई।।१०
*औ* से औरत भारत की नारी।
माॅं के जैसी होती प्यारी।।११
*अं* अंगूर का गुच्छा आता।
बच्चें बूढ़े सबको भाता।।१२
*अ: अ:* है कितना अच्छा।
स्वर माला को गाए बच्चा।।१३
जीरणखेड़ी (राजगढ़) मध्यप्रदेश
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