अकेलापन

रेखा घनश्याम गौड़, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
अकेलापन 
सदैव व्यक्ति को समर्थ बनाता है,
किसी का आश्रय लेना 
मानसिक तौर पर हमें ग़ुलाम बनाता है।
व्यक्ति को चाहिए 
कि प्रत्येक स्तर पर 
स्वयं को प्रतिस्थापित करे,
जीवन जितनी व्याकुल परिस्थितियों से गुजरता है, 
उतना ही अनुभवयुक्त होता है।
मेरी पंक्तियों का संदर्भ 
हर उस व्यक्ति की जीवन शैली से है, 
जो एकांत से व्यथित है।
उन्हें चाहिए 
कि इस एकांत से 
स्वयं को मज़बूत बनायें, 
मजबूर नहीं।
जयपुर, राजस्थान

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