श्रीराम कॉलेज ऑफ लॉ में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्रीराम कॉलेज के सभागार में श्री राम कॉलेज ऑफ लॉ द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा में कानून और शासन की भूमिका विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार के पहले दिन के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य रिचेन लहमो तथा बतौर विशिष्ट अतिथि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी महत्री रस्तौगी तथा आरोग्यधाम के संस्थापक डा0 अमृत राज मुख्य रूप से मौजूद रहे।

सेमिनार के पहले दिन के कार्यक्रम को दो चरणों में आयोजित किया गया, जिसमें पहला चरण उदघाटन सत्र एवं दूसरा चरण तकनीकी सत्र रहा। पहले दिन के उदघाटन सत्र की शुरूआत बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य रिचेन लहमो तथा बतौर विशिष्ट अतिथि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी महत्री रस्तौगी, श्रीराम ग्रुप ऑफ कालेजेज के संस्थापक चेयरमैन डा0 एससी कुलश्रेष्ठ, विभागाध्यक्ष डा0 शैलेन्द्र, डीएवी कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रवक्ता डा0 वीके गर्ग, वरिष्ठ सिविल अधिवक्ता डा0 मीरा सेक्सेना, पूॅंजीपति अशोक बाटला, श्रीराम कॉलेज के निदेशक डा0 अशोक कुमार, श्रीराम कॉलेज की प्राचार्य डा0 प्रेरणा मित्तल तथा आरोग्यधाम के संस्थापक डा0 अमृत राज ने दीप प्रज्जवलित करके की।  

कार्यक्रम में कॉलेज प्रवक्ता श्रुति मित्तल पावर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने संस्थान द्वारा उच्च शिक्षा एवं खेलों के क्षेत्र में संस्थान के महत्वपूर्ण योगदान एवं उपलब्धियों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संस्थान नियमित रूप से विद्यार्थियों को कैम्पस प्लेसमेंट के द्वारा रोजगार प्राप्ति के क्षेत्र में सहायता करता है और विद्यार्थियों को उद्यमिता के क्षेत्र में प्रोत्साहित कर उनको आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रहा है।

बतौर मुख्य अतिथि रिचेन लहमो ने कहा कि आज 21वीं सदी में पर्यावरण सुरक्षा की बहुत आवश्यकता है, लेकिन सबसे पहले इसका पालन हमें स्वयं ही करना चाहिये। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये पौधे लगाना आवश्यक है, न सिर्फ कानून बनाना उसको क्रियान्वित करने का प्रयास करना। उन्होेंने कहा कि हमें अपने पर्यावरण को बचाने की पूरी कोशिश करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कानूनों को और ज्यादा सशक्त बनाने की आवश्यकता है, जिससे व्यवहारिक रूप से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रयासो को बढाया जा सके। उन्होंने कहा कि आने वाले पीढी को पर्यावरण से संबंधित समस्याओं एवं उनके कारणों के संबंध में जागरूप किये जाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता हैं, तभी बढते प्रदूषण को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने की दिशा मे यह बेहद जरूरी है कि हम पौधो को लगाये और उनका पालन-पोषण करें। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज नदियों, नालो, तालाबो तथा अन्य जल के श्रोतो को गंदा करने के बेहद खिलाफ थे, बल्कि पूर्वजों को मानना था कि प्रकृति के द्वारा दिया गया जल मनुष्य के लिये वरदान से भी बढकर है। उन्होंने कहा कि इसे दूषित करना पाप है। 

बतौर विशिष्ट अतिथि डा0 अमृतराज ने कहा कि किसी भी कार्य को करने के लिये कानून की आवश्यकता नहंी है, बल्कि मनुष्य को अपने दृढ़ निश्चय और अपनी सकारात्मक सोच के आधार पर पर्यावरण की सुरक्षा करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि समाज में लोग जागरूक हो रहे है और पौधारोपण भी कर रहे हैं, परन्तु उनको समय-समय पर सींचना भी जरूरी है। उन्होंने पर्यावरण को सुरक्षित रखने का सर्वोपरि उदाहरण पौधे को लगाना बताया। 

श्रीराम ग्रुप ऑफ कालिजेज के संस्थापक चेयरमैन डा0 एससी कुलश्रेष्ठ ने कहा कि प्रगति ही प्रकृति के विनाश का कारण है। उन्होंने कहा कि जब तक कानून बनाकर सजा का प्रावधान नहीं होगा, तब तक पर्यावरण की सुरक्षा करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण सुरक्षा हेतु बडे सराहनीय कदम उठाये है, परन्तु बिना जनसहयोग के सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्यक्रमों को सकारात्मक आकार देना सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि श्रीराम ग्रुप ऑफ कालिजेज उत्तर प्रदेश के ऐसे संस्थानों में शुमार है, जहां पर्यावरण संबंधित सभी निति एवं नियमों का पालन बेहद गम्भीरता से किया जा रहा है। उन्होने कहा कि जापान की सहायता से संस्थान में 180 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित है। उन्होने बताया कि श्रीराम ग्रुप ऑफ कालिजेज मात्र एक ऐसा संस्थान है, जहा पर ग्रीन टॉयलेट की व्यवस्था है।

सेमिनार का दूसरा चरण तकनीकी सत्र के रूप में आयोजित किया गया, जिसमें चेयरपर्सन डा0 बीके त्यागी, डा0 शैलेन्द्र शर्मा, डा0 बीके गर्ग, डा0 ओमदत्त, डा0 रविन्द्र प्रताप सिंह व डा0 पूनम शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित रहे। दूसरे चरण में ओसी सिंह, सुरभी, लारेब जमीर, तुषार मलिक, सना कुरैशी, माही, शंशाक अग्रवाल, सान्या, प्रज्जवल धनघर, बुशरा खान, आयुषी, कुलमिलन, हुरैन, इकरा, साजिद, तब्बसुम, आयान त्यागी, मसीहा खान, अमन नईम, सिदरा, मुकूल आनंद, वंशवर्धन, उर्वशी तोमर, शिरिन व शीतल के द्वारा पावर पाइंट के माध्यम से पर्यावरण सुरक्षा एवं संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त करे।  

श्री राम कॉलेज ऑफ लॉ की प्राचार्य ने बताया कि दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में प्रस्तुत करने के लिए अलग-अलग राज्यों के विश्वविद्यालयों से 74 शोध पत्र प्राप्त हुए हैं तथा 288 शोधार्थियों ने सेमिनार में प्रतिभाग करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। डा0 एससी कुलश्रेष्ठ, डा0 शैलेन्द्र, डा0 वीके गर्ग, डा0 मीरा सेक्सेना, डा0 अशोक कुमार, डा0 पूनम शर्मा आदि डाइस पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीराम कॉलेज आफ लॉ के प्रवक्ता प्रोफेसर प्रशांत चौहान ने किया।

कार्यक्रम में श्री राम कॉलेज ऑफ लॉ की प्राचार्य डॉ0 पूनम शर्मा, संजीव कुमार, सोनिया गौड, राखी ढिलोर, आंचल अग्रवाल, अनु चैधरी, सबिया खान, रेखा ढिलोर, प्रषान्त चैहान, राममनु प्रताप सिंह, विनय तिवारी, त्रिलोक चंद का सराहनीय योगदान रहा।

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