जिले में सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर मनाया गया एकीकृत निक्षय दिवस

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान, क्वालिटी ट्रीटमेंट और निक्षय पोषण योजना का लाभ दिलाने के मकसद से आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में जिले के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन किया गया, इसमें संभावित मरीजों को जांच, दवा की सुविधा दी गई और उनकी काउंसलिंग भी की गई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया कि प्रधानमंत्री ने साल  2025 तक देश से क्षय उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को पाने के लिए संचालित प्रधानमंत्री टीबी भारत मुक्त अभियान के तहत जिले की समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर सोमवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान, गुणवत्तापूर्ण इलाज और निक्षय पोषण योजना का लाभ दिलाने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुआत हुई। एकीकृत निक्षय दिवस पर टीबी मरीजों व कुष्ठ रोगियों की जांच कर जल्द इलाज शुरू करने पर जोर रहा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया कि समय से बीमारी की पहचान, जांच और नियमित इलाज से टीबी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। उन्होंने बताया कि टीबी की जांच और इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है और इसमें एक भी पैसा व्यक्ति को खर्च नहीं करना पड़ता है। नोडल अधिकारी ने बताया कि आशा कार्यकर्ता ने पहले से ही दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी वाले, दो सप्ताह या उससे अधिक समय से बुखार वाले वजन में कमी वाले, भूख न लगने वाले और बलगम में खून आने वाले संभावित टीबी मरीजों की सूची तैयार कर उन्हें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक भेज दी थी, जिनके आधार पर उनकी जांच की गई और संभावित मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गये, रिपोर्ट आने पर जल्द ही उनका इलाज शुरू कर दिया जाएगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने अपील की कि ओपीडी से न्यूनतम 10 प्रतिशत स्पूटम (बलगम) जांच के लिए सैम्पल भेजे जाएं एवं जो रोगी किसी कारण से इलाज छोड़ चुके हैं, उनका पुनः इलाज शुरू कराने का प्रयास किया जाए। जिला कार्यक्रम समन्वयक सहबान उल हक ने कहा कि टीबी मरीजों से भावनात्मक संबंध बनाया जाना महत्वपूर्ण है। टीबी मरीज को यह विश्वास दिलाया जाना जरूरी है कि नियमित दवा सेवन से वह जल्द ठीक हो सकते हैं।
जिला पीपीएम समन्वयक प्रवीण कुमार ने बताया कि टीबी के लक्षणों में सबसे प्रमुख खांसी है, जो लंबे समय तक चलती है। उन्होंने कहा कि दो-तीन सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहती है, खांसी के साथ खून आता है। ऐसे लक्षणों वाले व्यक्ति को टीबी जांच की सलाह दें। उन्होंने कहा कि सभी जांच जिला चिकित्सालय में उपलब्ध हैं।

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