इस अवसर पर स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि हमारा देश प्रारंभ से ही शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है, जिसका प्रमाण हमारे वेद-पुराणों में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में भले ही बडे-बडे विज्ञान भवन न रहे हों, तकनीकी संस्थानों की श्रंखला दिखाई न देती हो, लेकिन गुरूकुलों में दी जाने वाली शिक्षा विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास में सहायक थीं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में भी भारतीय संस्कृति और तकनीक दोनों को पर्याप्त स्थान दिया गया है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल ने कहा कि बच्चों को अपार उर्जा, उत्साह व जिज्ञासा जन्म से ही प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षकों व अभिभावकों की सहायता से उनके इन गुणों को सही दिशा मिल जाती है, तो ये बालक अपने घर-परिवार, समाज व देश को बेहतर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि यदि बच्चों को सही दिशा प्राप्त ना हो, तो जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं, उनकी जिज्ञासा, उत्साह आदि क्षीण होने लगती है। उन्होंने कहा कि समाज व राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों व विद्यालय वातावरण का योगदान महत्वपूर्ण होता है।
भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी वैज्ञानिक संस्कार विकसित करें। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि शिक्षक भी अपने शिक्षण में आईसीटी टूल्स को एकीकृत करें और सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को रोचक बनायें।
अपर जिला अधिकारी अरविन्द कुमार मिश्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि एक मानवीय एवं बेहतर देश तथा समाज निर्माण के लिए आवश्यक है कि हम जीवन के हर पक्ष हर विषय में तर्क संगत और वैज्ञानिक सोच को अपनाएं। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा प्राप्त टेबलेट का बच्चे सदुपयोग करें और नई से नई तकनीक को सीखकर कामयाब व काबिल नागरिक बनें।
कार्यक्रम में जिला विद्यालय निरीक्षक गजेन्द्र कुमार ने माध्यमिक शिक्षा परिषद की वर्ष दर वर्ष उन्नति तथा जिले के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परिषदीय परीक्षा परिणाम की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र अथवा समाज में शिक्षा सामाजिक नियंत्रण, व्यक्तित्व निर्माण तथा सामाजिक व आर्थिक प्रगति का मापदंड होती है। उन्होंने कहा कि पिछड़ा हुआ समाज तथा देश समस्याओं पर अटक जाता है, जबकि शिक्षित देश और समाज समस्याओं का हल ढूँढकर आगे बढता है। उन्होंने कहा कि अपनी बातों के समाधान ढूँढने के दो तरीके होते है, एक सुनी-सुनाई बातों को मान लेना, दूसरा बातों को तथ्यों के आलोक में समझकर उसका विश्लेषण करना और निष्कर्ष निकालना।
प्रधानाचार्य डॉ. विकास कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में संचालित पंख पोर्टल, प्रबोधन एप्प, रेमेडियल कक्षाओं, प्रज्ञान पोर्टल, ई लाईब्रेरी आदि की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यूपी बोर्ड नित नये आयाम स्थापित कर रहा है।
मेधावी छात्र व प्रतिभा सम्मान समारोह में हाईस्कूल परीक्षा में जिला मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले देवांश कुमार, दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली प्रिया बंधानी, तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली दिव्या शुक्रालिया, चैथा स्थान प्राप्त करने वाली श्रेया, पांचवा स्थान प्राप्त करने वाली अविका चैधरी, छठा स्थान प्राप्त करने वाली वंशिका चैधरी, सातवाँ स्थान प्राप्त करने वाले अंश सेन, आठवां स्थान प्राप्त करने वाली फलक नाज व वंशिका गुप्ता, नवां स्थान प्राप्त करने वाले आशीष व स्नेहा शर्मा को इक्कीस हजार रुपए, एक टेबलेट, प्रशस्ती पत्र व स्मृति चिन्ह भेट करके उनका माल्यापर्ण किया गया।
इंटरमीडिएट परिषदीय परीक्षा में जिले मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले अजय कुमार शर्मा, दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली शैली, तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले रमन कुमार, चैथा स्थान प्राप्त करने वाले आदित्य कसाना व वैशाली, पांचवा स्थान प्राप्त करने वाले गोल्डी, छठा स्थान प्राप्त करने वाले गौरव कुमार, सातवाँ स्थान प्राप्त करने वाली इरम व श्रृष्टि सोम, आठवां स्थान प्राप्त करने वाले आदित्य बागयान, इंशा परवीन व कार्तिक गुप्ता को इक्कीस हजार रुपए, एक टेबलेट, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह भेटकर व माल्यापर्ण किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल व संचालन प्रधानाचार्य डॉ. विकास कुमार ने किया। मेधावी छात्र व प्रतिभा सम्मान समारोह में उप प्रधानाचार्य ब्रिजेश कुमार, प्रधानाचार्य ललित मोहन गुप्ता, विनय यादव, प्रवेन्द्र दहिया, रेणु गर्ग, अभिषेक गर्ग व भारत आदि का सराहनीय योगदान रहा।