गौरव सिंघल, सहारनपुर। सहारनपुर नगर निगम में मेयर का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित हो जाने से इस वर्ग के पुरूषों के मेयर बनने के अरमान धरे रह गए। दर्जनों भारी भरकम लोग इस पद पर पहुंचने के लिए काफी समय से गंभीरता के साथ प्रयासरत थे। अध्यक्ष पद के लिए सभी प्रमुख दलों के नेताओं ने उम्मीदवार बनने को लेकर लामबंदी तेज कर दी है। दिलचस्प यह है कि सहारनपुर नगर में पालिका का गठन हुए पूरे 100 साल हो गए हैं।1922 में ब्रिटिश राज में सहारनपुर नगर को निकाय का दर्जा मिला था। पहली बार बीआर बोमंजी चेयरमैन चुने गए थे। वर्ष 1995 में भाजपा की राजदुलारी गर्ग पहली चेयरपर्सन चुनी गई थी। वर्ष 2017 में सहारनपुर नगर निगम के लिए पहली बार चुनाव हुए थे। तब मेयर का पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था। भाजपा के संजीव वालिया पहले मेयर चुने गए। अब सहारनपुर नगर के इतिहास में दूसरी बार मेयर पद पर महिला बैठेगी।
चिलकाना नगर पंचायत में भी अध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित हुआ है। जिले में सरसावा, नकुड़, गंगोह और देवबंद नगर पालिकाएं हैं। गंगोह और देवबंद सामान्य वर्ग के लिए हैं जबकि सरसावा और नकुड़ में अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं। नगर पंचायतों में सात अध्यक्ष पद हैं। छुटमलपुर पहली बार नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आया है। छुटमलपुर, नानौता, अम्बेहटा, बेहट और रामपुर मनिहारान सामान्य वर्ग के लिए हैं। यानि वहां पर किसी भी जाति बिरादरी का महिला और पुरूष अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में खड़ा हो सकता है। सहारनपुर जनपद में नगर निगम समेत कुल 12 नगर निकाय हैं।
जिला प्रशासन ने उनकी तैयारियां पहले ही शुरू की हुई हैं। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह के मुताबिक जनपद में 240 मतदान केंद्र और 898 बूथ हैं। इन सभी 12 निकायों में कुल 264 वार्ड है। इनमें सहारनपुर नगर निगम के 70 वार्ड भी शामिल हैं। 898 बूथों पर 921487 मतदाता निकाय चुनाव में मतदान कर सकेंगे ।