गौरव सिंघल, सहारनपुर। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ से प्राप्त एक्शन प्लान के अर्न्तगत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष व जनपद न्यायाधीश बबीता रानी के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला जज सुरेन्द्र सिंह ने अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस का आयोजन नुमाईश कैम्प प्राथमिक विद्यालय सहारनपुर में किया गया, जिसका उदघाटन प्राधिकरण सचिव सुरेन्द्र सिंह एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमरीश कुमार ने मां सरस्वती की पूजा एंव दीप प्रजवलित कर किया। शिविर में दिव्यांग बच्चों ने खेल प्रतियोगिया, सास्कृतिक कार्यक्रम आदि में अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी।
जागरूकता शिविर को सम्बोंधित करते हुये प्राधिकरण सचिव ने कहा कि दिव्यांगता अभिशाप नही है। उन्होंने कहा कि यदि लोगों की शारीरिक कमियों के प्रति नजरिया सकरात्मक हो तो अभाव विशेषता बन जाते है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों में सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा ज्यादा आईक्यू होता है, बस जरूरत है उनकी क्षमता को पहचाननें एवं उनके विकास के लिये सही माहौल देने की। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को दयनीय दृष्टि से देखने के बजाय उनको प्रति इंसान की भांति गरिमापूर्ण दृष्टि रखनी आवश्यक है, उनमें भी जीवन है, वो भी शारीरिक कमजोरियों के साथ आगे बढ सकते है और समाज की मुख्यधारा के साथ जुड सकते है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग व्यक्ति अधिनियम में 21 प्रकार की दिव्यांगता का वर्णन है यह कानून दिव्यांग जनों के अधिकार की सुरक्षा व समान अवसरों की व्यवस्था करता है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी अमरीश कुमार ने कहा कि हमारे संविधान की दृष्टि में सभी व्यक्ति समान है, उनमें किसी प्रकार का मतभेद नही है। उन्होंने कहा कि इस कानून में दिव्यांग जनों को शिक्षा का अधिकार पर प्रमुखता से दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस एक्ट में दिव्यांग जनों की श्रेणी में एसिड अटैक पीडिता पार्किसन पीडितों एवं थैलसीमिया हेमोफिलिया पीडितों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त इस एक्ट में दिव्यांग जनों के आरक्षण के बारे में भी प्रावधान है।
उदघाटन प्राधिकरण सचिव सुरेन्द्र सिंह ने शिविर में उपस्थित दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों से अपील की कि बच्चों को समय दे उनका आत्मविश्वास बढायें एवं किसी भी प्रकार की विधिक सहायता की जरूरत हो तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में सम्पर्क करे। शिविर में काफी संख्या में छात्र-छात्रायें, अभिभावक, अध्यापकगण आदि उपस्थित रहें।