नसबंदी पखवाड़े में 24 पुरुषों ने स्वेच्छा से कराई नसबंदी

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों को अपनाने में जहां महिलाएं आगे रहती हैं, वहीं जनपद में पुरुषों की भागीदारी भी बढ़ती नजर आ रही है। पुरुषों की नसबंदी में भागीदारी बढ़ाने और परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की ओर से 21 नवंबर से चार दिसम्बर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है। पुरुषों में  नसबंदी के प्रति सोच बदली है, जिसके चलते इस वर्ष अप्रैल से अब तक 24 पुरुषों ने स्वेच्छा से नसबंदी करवाई है।  

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया सीमित परिवार से महिला की सेहत ठीक रहती है, परवरिश भी बेहतर की जा सकती है। छोटे परिवार का महत्व अब लोग समझने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग पुरुष नसबंदी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मना रहा है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को पुरुष नसबंदी के लिए जागरूक कर रही हैं। पुरुष खुद नसबंदी के लिए आगे आएं इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है। नसबंदी कराने पर सरकार प्रोत्साहन राशि भी देती है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार नियोजन की नोडल अधिकारी अधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा ने बताया पुरुषों में नसबंदी को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। हालांकि इसकी रफ्तार सुस्त ही है। पुरुषों के नसबंदी कराने को लेकर आगे नहीं आने की वजह समाज में फैले वहम हैं। इसी वहम को दूर करने के लिए विभाग द्वारा तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। पुरुष भ्रम तोड़ें, पुरुष नसबंदी महिलाओं के अपेक्षा अधिक आसान और फायदेमंद है।
जिला परिवार कल्याण प्रबंधक डॉ. दिव्यांक दत्त ने बताया पुरुषों में नसबंदी कराने को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां व्याप्त हैं, जो कि सही नहीं है। नसबंदी  के बाद से किसी भी तरह की कोई कमजोरी नहीं आती है। बल्कि वैवाहिक जीवन और भी सुखमय हो जाता है। महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी बहुत ही मामूली शल्य प्रक्रिया है।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया-अप्रैल 2022 से लेकर अब तक 24 पुरुषों ने स्वेच्छा से नसबंदी करवाई है। इसमें पखवाड़ा के तहत चार नसबंदी हुई हैं। विभाग को 39 नसबंदी करवाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है।
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