विजय

पायल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
विजय सत्य की हुई हमेशा
हारी सदा बुराई है।
आया दशहरे का उत्सव 
करनी सबकी भलाई है।
बुराई को जलाना है
दशहरे का उत्सव मनाना है।
अब नहीं और हमें बुराई
को बढ़ाना है।
दशहरे के दिन हमें अपने 
अंदर के रावण को जलाना है|
दसवीं कक्षा की छात्रा राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक गाहलिया (कांगड़ा) हिमाचल प्रदेश

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