जागो

राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। 

जागो एक बार
अपनी अंतरात्मा की
आवाज़ के लिए।
जागो एक बार
अपने हृदय में पनपत्ति
अभिलाषाओं के लिए।
जागो एक बार
अपने अंतर्मन में छिपी
सत्यनिष्ठा के लिए।
जागो एक बार
अपनी स्वतंत्रता की
मर्यादा को
कायम रखने के लिए।
जागो एक बार
स्वयं के अंतर्मन में छिपी
अंतरात्मा को
जगाने के लिए ।

भाषा अध्यापक राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (गाहलिया) कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश

Post a Comment

Previous Post Next Post