डॉ. अ. कीर्तिवर्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
वन्दे शारदे
मुझे बुद्धि वर दे
मृदु स्वर दे ।
वीणा वादिनी
राग द्वेष हर ले
मुझे वर दे ।
करूँ याचना
दया भाव भर दे
मानवता दे ।
मधुमय हो
पल-पल जीवन
शान्ति वर दे ।
जाति धर्म का
कोई भेद रहे ना
भाव भर दे ।
देश प्रेम ही
लक्ष्य हो जीवन का
ऐसा वर दे ।
हंस वाहिनी
आया शरण तेरी
पाद रज दे ।
हर पल मैं
तेरे ही गुण गाऊं
मुझे स्वर दे ।
विद्यालक्ष्मी निकेतन, 53-महालक्ष्मी एन्क्लेव, मुज़फ्फरनगर उत्तर प्रदेश