शान्ति पैग़ाम

डॉ. अ. कीर्तिवर्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

बहुत उड़ाये कपोत अभी तक, 
अब चीते छोड़े जायेंगे,
पैग़ाम शान्ति मानवता का, 
पर दांत भी तोड़े जायेंगे।
बदल गया है दौर पुराना, 
दुश्मन हम पर गुर्राते थे,
अब दुश्मन के घर में घुसकर, 
बम भी फोड़े जायेंगे।

एक शेर भारत माता का, 
विश्व पटल पर दहाड़ रहा,
जंगल में चीतों को लाकर, 
कर जंगल आबाद रहा।
चीन पाक घबराये हैं, 
भारत की बढ़ती ताक़त देख,
विश्व बन्धुत्व हमारी नीति, 
विश्व हमको ताक रहा।
विद्यालक्ष्मी निकेतन, 53-महालक्ष्मी एन्क्लेव, मुज़फ्फरनगर उत्तर प्रदेश

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