खतौली नगर पालिका चुनाव, आरक्षण पर टिकी सबकी निगाहें

हवलेश कुमार पटेल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। 

उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव सर पर हैं, क्योंकि प्रदेश में नगरपालिका परिषदों का कार्यकाल दिसंबर 2022 में समाप्त हो रहा है। उम्मीद है सरकार इससे पूर्व ही निकाय चुनाव करा लेगी, लेकिन अभी तक आरक्षण का पेज फंसा हुआ है। उम्मीद है दीपावली तक आरक्षण का मामला सुलझ जाएगा और प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। राजनीतिक पंडित बताते हैं कि इस बार निकाय चुनाव में चुनाव आयोग ज्यादा समय देने के मूड में नहीं है। संभवतः इसी के चलते भाजपा ने अपनी तैयारियां काफी पहले से ही शुरू कर रखी हैं। पालिका की राजनीति करने वालों का मानना है कि इस बार खतौली नगर पालिका चेयरमैन का पद पिछडी जाति की महिला के हिस्से में जा सकता है।

खतौली नगर पालिका के चेयरमैन पद के लिए होने वाले चुनाव की बात करें तो पालिका की राजनीति के कथित पंडितों को पूरी उम्मीद है कि इस बार खतौली पालिका के चेयरमैन का पद पिछडी जाति के हिस्से में जा सकता है। यह भी हो सकता है कि खतौली पालिका अध्यक्ष का पद पिछड़ी जाति की महिलाओं को मिल जाये। इसी उम्मीद के सहारे कई ऐसे दावेदारों के अंदर ही अंदर पालिका चेयरमैन बनने का सुख अभी से समुद्र की लहरों की तरह उमड़ने लगा है।

चर्चा-ए-आम पर गौर करें तो अन्य पिछड़े वर्ग में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) को टाटा करके भाजपा का दामन थामने वाले कद्दावर नेता राजू अहलावत सहित विधायक प्रतिनिधि पंकज भटनागर, अमित उपाध्याय, उमेश केबिल वाले व पूर्व सभासद अनुज सहरावत आदि दर्जनभर से भी अधिक लोग भाजपा की नाव में सवार होकर चेयरमैन का टिकट पाने की उम्मीद में है। चुनावी चर्चाओं के अनुसार उमेश केबल वाले पुराने भाजपाई होने के कारण अपने रसूख के सहारे टिकट पा सकते हैं। इसके अलावा कुछ कथित राजनीतिक धुरंधरों का कहना है कि पश्चिमी यूपी के सबसे ताकतवर भारतीय किसान यूनियन टिकैत के लंबे समय तक जिला अध्यक्ष रहने के बाद मंडल अध्यक्ष के पद पर रहते हुए शासन-प्रशासन की नाक में नकेल डालकर अपनी धाक जमा चुके राजू अहलावत को भाजपा का दामन थामने के बाद भी अब तक किसी पद से नहीं नवाजा गया है। उनका दावा है कि भाजपा राजू अहलावत को नगर पालिका के चेयरमैन पद पर चुनाव लड़ा सकती है। भूपेंद्र चौधरी के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से इस बात को और भी अधिक बल मिल रहा है। बता दें कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी राजू अहलावत की तरह जाट बिरादरी से हैं। इसके अलावा राजू अहलावत को अपने सजातीय सांसद डॉक्टर संजीव बालियान का भी बड़ा सहारा है।

पालिका की राजनीति के जानकारों की माने तो विधायक प्रतिनिधि पंकज भटनागर चेयरमैन पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। उनका दावा है कि विधायक विक्रम सैनी अपने प्रतिनिधि पंकज भटनागर को चेयरमैन पद के लिए भाजपा का टिकट दिलवा कर यहां नगरीय क्षेत्र की जनता पर अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहते हैं। इसके विपरीत विधायक विक्रम सैनी के सजातीय कुछ लोगों ने अपना नाम अभी प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर शिक्षा वाहिनी को बताया खतौली चेयरमैन पद के लिए भाजपा का टिकट पाने के लिए कई सैनी बंधुओं ने भी अपने राजनीतिक आकाओं की परिक्रमा तेज कर दी है।

इसके साथ पिछड़ी जाति के गैर भाजपाई दिग्गज भी भाजपा का टिकट प्राप्त करने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। वह भी भाजपा के टिकट पर खतौली पालिका की चेयरमैनी का सुख भोगने का ख्वाब देख रहे हैं। खतौली पालिका चेयरमैन के लिए प्रमोद अन्ना भी दमदार प्रत्याशी के रूप में सामने आ सकते हैं।

पालिका की राजनीति के जानकारों की मानें तो खतौली चेयरमैन का पद पिछड़ी जाति के हिस्से में जाने की चर्चाओं के बावजूद अनारक्षित श्रेणी यानी सवर्ण जाति के महारथियों के जोश में भी कोई कमी नहीं दिखाई दे रही है। अकेले जैन समाज से ही पूर्व पालिका चेयरमैन पारस जैन सहित लगभग आधा दर्जन से भी अधिक दिग्गजों ने अपने रस्साकशी तेज कर दी है। नगर की राजनीतिक चर्चाओं पर गौर करें तो जैन समाज इस बार पालिका चुनाव में अलग ही नजारा पेश कर सकता है। 

माना जा रहा है कि इस बार भाजपा के टिकट पर पूर्व पालिका चेयरमैन, नगर के प्रथम प्रमुख उद्योगपति एवं बैंकिंग ट्रेड यूनियन के लीडर कामरेड सुरेंद्र जैन के पुत्र श्री कुंदकुंद जैन इंटर कॉलेज के प्रबंधक राजीव जैन व खतौली चेयरमैन पद पर चुनाव लड़ चुके एडवोकेट मुकेश जैन चेयरमैन पद के लिए भाजपा के सशक्त उम्मीदवार हो सकते हैं। 

चर्चाओं को सच माना जाए तो श्री कुंदकुंद जैन पीजी कॉलेज के प्रबंधक एडवोकेट मुकेश जैन आने वाले पालिका चुनाव में राजीव जैन के कंधे पर बंदूक रखकर पालिका की चेयरमैनी का स्वाद चख सकते हैं। जैन समाज के एक कथित राजनीतिज्ञ ने अपना नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि पालिका चेयरमैन पद के चुनाव में मुकेश जैन अपनी गर्दन में बल नहीं पढ़ने देने के कारण कमजोर प्रत्याशी साबित हो सकते हैं, इसलिए राजीव जैन को चुनाव लड़वाकर वो खुद चेयरमैन पद का अनौपचारिक कार्य संभाल सकते हैं। 

सूत्रों की माने तो मुकेश जैन क्षेत्रीय सांसद डॉक्टर संजीव बालियान के खासम खास हैं और उनके टैक्स संबंधी मामलों को भी संभालते हैं, जिसके चलते उन्हें इस कार्य में सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान से पूरी सपोर्ट मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा श्री कुंदकुंद जैन इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त हुए शिक्षक डीके जैन भी पालिका चुनाव में चेयरमैन के पद पर ताल ठोकने के लिए भाजपा के असरदार लोगों की परिक्रमा कर रहे हैं। अभी हाल ही में संपन्न कावड़ यात्रा में रही उनकी सक्रियता भी उनके इरादों की ओर इशारा कर रही हैं। इसके साथ भाजपा से बगावत करके निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पारस जैन के खिलाफ चैयरमेन पद पर चुनाव लड़ चुके भाजपा के पूर्व जिलामंत्री मदन छाबडा अपनी ही शैली में अब कि बार भाजपा के टिकट पर चेयरमैनी का ताज पाने की कोशिश कर रहे हैं। वर्तमान पालिका बोर्ड में सबसे मुखर विपक्ष की भूमिका निभाने वाले सभासद वैभव जैन द्वारा भी पालिका चैयरमैन पद के लिए चुनावी ताल ठोकने की अटकले लगायी जा रही हैं। हालांकि चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलवक्त सारा मामला चुनाव आयोग द्वारा घोषित होने वाले आरक्षण की श्रेणी पर ही रुका हुआ है।

मान्यता प्राप्त पत्रकार खतौली (मुजफ्फरनगर) उत्तर प्रदेश

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