विश्व अल्जाइमर दिवस पर जिला महिला अस्पताल में गोष्ठी आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। जनपद में राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य आमजन में इस बीमारी के प्रति जागरूकता लाना है। घर-परिवार की शोभा बढ़ाने वाले बुजुर्गों को इस बीमारी से बचाकर उनके जीवन में खुशियां लाने के लिए एक सप्ताह तक चलने वाले राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरूकता के तहत जिले में विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए इस बीमारी की सही पहचान और उससे बचाव के बारे में बताया जाएगा। बुधवार को “विश्व अल्जाइमर दिवस” के अवसर पर जिला महिला अस्पताल में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मानसिक रोगों के बारे में बताया गया। 

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी  डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया- 19 से 25 सितंबर तक जनपद में राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। एक सप्ताह तक चलने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए इस बीमारी की सही पहचान और उससे बचाव के बारे में बताया जाएगा। साइकोथेरेपिस्ट मनोज कुमार ने बताया- राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह के तहत एक सप्ताह तक लगातार गतिविधियां चलती रहेंगी, जिसके तहत मंगलवार को डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह के अन्तर्गत गोमती कन्या इंटर कालेज जानसठ में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जहां मानसिक रोगों के बारे में जागरूक किया गया। इसके साथ ही बुधवार को “विश्व अल्जाइमर दिवस” के अवसर पर जिला महिला अस्पताल में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मानसिक रोगों के बारे में बताया गया। वक्ताओं ने बताया - उम्र बढ़ने के साथ ही मनुष्य में तमाम किस्म के विकार उत्पन्न होने लगते हैं। उनमें अल्जाइमर प्रमुख विकार है। इसकी वजह से व्यक्ति अपनी याददाश्त खोने लगता है। इसके लक्षण भी बढ़ती उम्र के साथ परिलक्षित होने लगते हैं। इस समस्या को लेकर राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाएगा। 

साइकेट्रिस्ट डॉ अर्पण जैन ने बताया - बुजुर्गों को डिमेंशिया से बचाने के लिए जरूरी है कि परिवार के सभी सदस्य उनके प्रति अपनापन रखें। अकेलापन महसूस न होने दें, समय निकालकर उनसे बातें करें, उनकी बातों को नजरअंदाज कतई न करें बल्कि उनको ध्यान से सुनें। ऐसे कुछ उपाय करें कि उनका मन व्यस्त रहे, उनकी मनपसंद चीजों का ख्याल रखें। निर्धारित समय पर उनके सोने-जागने, भोजन की व्यवस्था का ध्यान रखें।

अल्जाइमर्स लगातार बढ़ने वाला रोग है। जिससे याददाश्त एवं अन्य महत्वपूर्ण दिमागी काम करने की क्षमता कम हो जाती है। दिमाग की कोशिका का एक दूसरे से जुड़ाव और खुद कोशिका के कमजोर और खत्म होने की वजह से याददाश्त एवं अन्य महत्वपूर्ण दिमागी कार्य करने की क्षमता धीरे-धीरे नष्ट हो जाती है।

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