डॉ. अ. कीर्तिवर्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
कौन पिता और कौन है माता,
कौन पिता और कौन है माता,
कैसा उनसे रिश्ता- नाता,
निज स्वार्थ में करते पैदा,
निज स्वार्थ में करते पैदा,
सोच रहे क्यों ऐसा भ्राता ?
सूरज, चन्दा और सितारे,
सूरज, चन्दा और सितारे,
धरती, अम्बर और पठारें,
इन सबसे भी रिश्ता नाता,
इन सबसे भी रिश्ता नाता,
मानव आदर से दर्शाता।
गोबर का मतलब भी जानो,
गोबर का मतलब भी जानो,
तुच्छ चीज का आदर जानो,
पत्थर को सम्मान दे रहे,
पत्थर को सम्मान दे रहे,
प्रकृति का संरक्षण समझाता।
मूर्ख जन क्या समझ सकेंगे,
मूर्ख जन क्या समझ सकेंगे,
भौतिकता में लिपट रहे जो,
पंच तत्व से भगवान बना, भू, गगन, वायु, अग्नि, नीर बताता।
विद्यालक्ष्मी निकेतन, 53-महालक्ष्मी एन्क्लेव, मुज़फ्फरनगर उत्तर प्रदेश
पंच तत्व से भगवान बना, भू, गगन, वायु, अग्नि, नीर बताता।
विद्यालक्ष्मी निकेतन, 53-महालक्ष्मी एन्क्लेव, मुज़फ्फरनगर उत्तर प्रदेश