प्राचार्य प्रो (डॉ) अंजू सिंह ने छात्राओं की कार्य व प्रस्तुतियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि साक्षरता दिवस को मनाने से पहले सबसे जरूरी यह समझना है कि आखिर साक्षरता (Literacy) है क्या? उन्होंने कहा कि यह शब्द साक्षर से बना है, जिसका अर्थ पढ़ना और लिखना होता है। उन्होंने कहा कि इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य यह है कि दुनिया के हर तरह के वर्ग, देश, समाज अपने-अपनो लोगों की शिक्षा पर जोर देता है और उन्हें पढ़ने के लिए जागरूक करता है, ताकि एक सभ्य एवं शिक्षित समाज का निर्माण हो सके। उन्होंने कहा कि छात्राओं को साक्षरता के साथ-साथ सच्ची शिक्षा के प्रति भी जागरूक होना चाहिए, जिससे वह समाज को जागरूक कर सकें।
प्रतियोगिता में योगिता सिंह प्रथम, डॉली वर्मा द्वितीय व प्रिया गौतम तथा अंशु कुमारी तृतीय स्थान पर रही।नाजिया बानो एवं अंजलि को सांत्वना स्थान प्राप्त हुआ। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पारुल मलिक तथा डॉ. राधा रानी रही। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागी छात्राओं के साथ आजादी के अमृत महोत्सव की महाविद्यालय स्तर पर नोडल अधिकारी डॉ. अनीता गोस्वामी उपस्थित रहे।