जेएनयू में सराहनीय बदलाव

मोहनलाल वर्मा मेरठ। कई दशकों से वामपंथ व कट्टरपंथ के लिए बदनाम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय 2016 में कुलपति पद पर नियुक्त डा0 जगदीश कुमार के सार्थक प्रयास से प्रासंगिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत हुई है। जेएनयू में अब मानविकी शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। युवाओं को प्रौद्योगिक शिक्षा के साथ-साथ मानविकी शिक्षा में पारंगत होना समय की जरूरत है। हाल ही में जेएनयू एकादमिक परिषद ने काउंटर टेरीरिज्म, 21 वीं सदी में भारत का उभरता वैश्विक दृष्टिकोण एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में सूचना प्रौद्योगिकी की महत्ता के तीन नए पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। ये तीनों पाठ्यक्रम स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों को पांचवे वर्ष में पढ़ाए जाएंगे। इतनी अच्छी पहल का वामपंथी लोग विरोध भी कर रहे है।
तमाम विरोध को दरकिनार कर जेएनयू विश्वविद्यालय ने सुधारों का सिलसिला जारी रखते हुए कंप्यूटर साइंस व समाजशास्त्र एवं आयुर्वेद व जीवविज्ञान की कड़ियों को जोड़ रहा है। आपदा प्रबंधन के लिए विशेष अध्ययन केंद्र बनाने की योजना है जहां इंजीनियरिंग, मेडिसिन और अन्य संबंधित विधाओं के छात्रों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। जेएनयू स्कूल ऑफ मेडिसिन में ऐसी संभावनाएं तलाश रहा है, जहां आधुनिक चिकित्सा विज्ञान एवं प्राचीन उपचार पद्धतियों का एकीकरण हो साथ ही आईसीएमआर व एम्स के सहयोग से दुर्लभ बीमारियों से जुड़े उत्कृष्ट शोध संस्थान स्थापित हों। उम्मीद है कि जेएनयू वैश्विक स्तर पर नई सोच एवं देश की जरूरत के अनुरूप जिन नये पाठ्यक्रमों को लागू कर रहा है वे अन्य उच्च शिक्षण संस्थाओं के लिए अनुकरणीय होंगे।

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